बुर्जुआ और सर्वहारा
मार्क्स, कार्ल and एंगेल्स, फ्रे़डरिक (1848) बुर्जुआ और सर्वहारा In: मैनिफे़स्टो ऑफ़ द कम्युनिस्ट पार्टी. Rahul Foundation, pp. 14-21. ISBN 978-93-80303-23-9
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Introduction
कम्युनिस्ट मैनिफ़ेस्टो के पहले अध्याय का आरम्भ मार्क्स और एंगल्स की प्रसिद्ध पंक्ति है, “अबतक के समस्त समाजों का इतिहास वर्ग-संघर्ष का इतिहास है।” यह मार्क्सवादी विचारों और साम्यवाद को राजनीतिक आन्दोलन के रूप में रूपरेखित करता है। यह दिखाते हुए कि कैसे परस्पर विरोधी वर्ग-हितों के जरिए सामाजिक परिवर्तन लाए जाते हैं, जो वर्ग-संघर्ष का कारण बनते हैं, यह लेख ऐतिहासिक रूप से वर्गों का निर्माण समझाता है। इसमें आधुनिक पूँजीवादी समाज में बुर्जुआ व सर्वहारा वर्ग के सम्बन्धों की विवेचना, और ऐतिहासिक चरणों की तुलना में पूँजीवादी समाज में उत्पादन-सम्बन्धों की प्रकृति की भिन्नता को बताया है।
Item Type: | Book Section |
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Additional Information: | Manifesto of the Communist Party |
Discipline: | Comparative History of Education |
Programme: | Postgraduate Programmes > MA in Education |
Title(English): | Bourgeois and Proletarians |
Creators(English): | Karl Marx and Frederick Engels |
Publisher: | Rahul Foundation |
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URI: | http://anuvadasampada.azimpremjiuniversity.edu.in/id/eprint/144 |
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