रूमी की कीमियागरी : पंचतंत्र की नैतिक कथाओं का आध्यात्मिक संस्करण
शुक्ल, बलराम (2017) रूमी की कीमियागरी : पंचतंत्र की नैतिक कथाओं का आध्यात्मिक संस्करण प्रतिमान (9). pp. 218-245.
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Introduction
विश्व की कई भाषाओं में नीति-कथाएँ देखी गई हैं, जिनमें कई स्तरों पर आदान-प्रदान देखा गया है। इससे ज़ाहिर होता है कि यह कथाएँ वैश्विक नैतिकता और मानवीय मूल्यों को अपने में समेटने की कोशिश करती थीं। भारतीय उपमहाद्वीप में ऐसे ही एक ग्रन्थ का नाम है ‘पंचतंत्र’। विश्व में भ्रमण करने के बाद भी ‘पंचतंत्र’ की कथाओं के मूल सन्देश में बहुत ज़्यादा फ़र्क नहीं देखा गया है। इसकी कथाओं का मूल मक़सद इस ग्रन्थ के शुरुआत में अमरशक्ति राजा के मन्दबुद्धि पुत्रों को नीतिशिक्षण रूपी आख्यान द्वारा बताया गया। यह लेख मौलाना जलालुद्दीन रूमी द्वारा ‘पंचतंत्र’ की कहानियों को नैतिक पायदान से उठा कर धर्मशास्त्रीय तथा आध्यात्मिक धरातल पर रखने के ऐतिहासिक और समाजशास्त्रीय कारणों की पड़ताल करता है। इसमें मौलाना रूमी की प्रतिभा के संस्पर्श को भी रेखांकित किया गया है।
Item Type: | Article |
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Discipline: | Development Studies |
Programme: | Works of Partner Organisations > Centre for the Study of Developing Societies > Pratimaan |
Creators(English): | Balram Shukla |
Publisher: | CSDS, Delhi |
Journal or Publication Title(English): | Pratimaan |
URI: | http://anuvadasampada.azimpremjiuniversity.edu.in/id/eprint/3248 |
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