रोशनख़्याली की छानबीन : विज्ञान शिक्षण का संस्कृति में योगदान
मैथ्यूज़, माइकल (2005) रोशनख़्याली की छानबीन : विज्ञान शिक्षण का संस्कृति में योगदान In: विज्ञान शिक्षा, Science Education, Vidya Bhawan Society.
Fulltext Document
रोशनख़्याली की छानबीन _विज्ञान शिक्षण का संस्कृति में योगदान.pdf Download (364kB) |
Introduction
यह 2005 में विद्या भवन, सोसायटी, उदयपुर में ‘विज्ञान शिक्षण’ पर आयोजित सेमीनार में ‘रोशनख़्याली की छानबीन : विज्ञान शिक्षण का संस्कृति में योगदान’ पर प्रोफ़ेसर माइकल मैथ्यूज़ द्वारा दिया गया व्याख्यान है। इसमें वक्ता वैज्ञानिक मानसिकता की उत्पत्ति की चर्चा करते हुए इसे बढ़ावा देने में विज्ञान शिक्षा की भूमिका पर रोशनी डालते हैं। वक्ता सार रूप में रोशनख़्याली (नवजागरण) के 10 संकल्प साझा करते हैं और विद्यार्थियों से युरोपीय रोशनख़्याली की छानबीन करने, उसकी ख़ूबियों और कमज़ोरियों को पहचानने और उसके ग्राह्य उसूलों को चुनने का आग्रह करते हैं। इसमें व्याख्यान पर चर्चा एवं प्रोफ़ेसर आगम शुक्ला की टिप्पणी भी शामिल है। इसके ज़रिए टिप्पणीकार वैज्ञानिक मानसिकता की उत्पत्ति की चर्चा करते हुए इसे बढ़ावा देने में विज्ञान शिक्षा की भूमिका पर प्रकाश डालते हैं।
Item Type: | Conference or Workshop Item (Paper) |
---|---|
Discipline: | Science Education |
Programme: | Works of Partner Organisations > Vidya Bhawan Society > Conference Papers |
Title(English): | Examining the Enlightenment: the Contribution of Science Education to Culture |
Creators(English): | Michael Matthews |
Contributors: | Translator: Sushil Joshi |
Related URLs: | |
URI: | http://anuvadasampada.azimpremjiuniversity.edu.in/id/eprint/3397 |
Edit Item |
Disclaimer
Translated from English to Hindi/Kannada by Translations Initiative, Azim Premji University. This academic resource is intended for non-commercial/academic/educational purposes only.
अनुवाद पहल, अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय द्वारा अँग्रेज़ी से हिन्दी में अनूदित। इस अकादमिक संसाधन का उपयोग केवल ग़ैर-व्यावसायिक, अकादमिक एवं शैक्षिक उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है।
ಅಜೀಂ ಪ್ರೇಮ್ಜಿ ವಿಶ್ವವಿದ್ಯಾಲಯದ ಅನುವಾದ ಉಪಕ್ರಮದ ವತಿಯಿಂದ ಇದನ್ನು ಇಂಗ್ಲೀಷ್ನಿಂದ ಕನ್ನಡಕ್ಕೆ ಅನುವಾದಿಸಲಾಗಿದೆ. ಈ ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಸಂಪನ್ಮೂಲವನ್ನು ವಾಣಿಜ್ಯೇತರ, ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಉದ್ದೇಶಗಳಿಗೆ ಬಳಸಬಹುದಾಗಿದೆ.