नवजागरण, स्त्री प्रश्न और आचरण पुस्तकें
श्रीवास्तव, गरिमा (2014) नवजागरण, स्त्री प्रश्न और आचरण पुस्तकें प्रतिमान (4). pp. 683-710.
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Introduction
इस आलेख में पुनर्जागरण के दौर में हिन्दी व भारतीय भाषाओं के आरम्भिक गद्य में स्त्री प्रश्न को लेकर क्या दृष्टि थी इसकी चर्चा है। औपनिवेशिकता व आधुनिकता के असर से होने वाले सामाजिक-राजनीतिक बदलावों के असर ने इन गद्यों ख़ासकर आचरण पुस्तकों की अन्तर्वस्तु में क्या बदलाव हुए इसकी चर्चा है। प्रभु व शासकवर्ग की ज़रूरत के हिसाब से इन गद्य के माध्यम से नई स्त्री गढ़ने की कोशिश ने पति-पत्नी सम्बन्धों व पितृसत्तात्मकता को किस तरह बदला। सामाजिक सुधार व राष्ट्रीय आन्दोलन ने स्त्री प्रश्न व स्त्री के दायरे का किस तरह विस्तार किया इसकी चर्चा है।
Item Type: | Article |
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Discipline: | Gender Science |
Programme: | Works of Partner Organisations > Centre for the Study of Developing Societies > Pratimaan |
Creators(English): | Garima Srivastava |
Publisher: | CSDS, Delhi |
Journal or Publication Title(English): | Pratimaan |
URI: | http://anuvadasampada.azimpremjiuniversity.edu.in/id/eprint/3494 |
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Disclaimer
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ಅಜೀಂ ಪ್ರೇಮ್ಜಿ ವಿಶ್ವವಿದ್ಯಾಲಯದ ಅನುವಾದ ಉಪಕ್ರಮದ ವತಿಯಿಂದ ಇದನ್ನು ಇಂಗ್ಲೀಷ್ನಿಂದ ಕನ್ನಡಕ್ಕೆ ಅನುವಾದಿಸಲಾಗಿದೆ. ಈ ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಸಂಪನ್ಮೂಲವನ್ನು ವಾಣಿಜ್ಯೇತರ, ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಉದ್ದೇಶಗಳಿಗೆ ಬಳಸಬಹುದಾಗಿದೆ.