महिषासुर विमर्श पर बहस : मिथकीय आख्यान और इतिहासबोध
शर्मा, अम्बिकादत्त and मिश्र, विश्वनाथ (2017) महिषासुर विमर्श पर बहस : मिथकीय आख्यान और इतिहासबोध प्रतिमान (10). pp. 152-166.
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Introduction
लेख में स्पष्ट तौर पर मिथकीय आख्यानों के इतिहासबोध और इतिहासबोध के मिथकीय आख्यान जैसी चालों से बचने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया गया है। लेखकों का मानना है कि ये दोनों प्रवृतियाँ इतिहास-लेखन से जितना इतिहास को उजागर करती हैं, उससे अधिक इतिहास को निर्मूल करती हैं। लेखक विशुद्ध अकादमिक दृष्टि से देखते हुए पाश्चात्य इतिहास-लेखन में इतिहासबोध से मिथकीय आख्यान के निर्मूल होने और भारत में मिथकीय आख्यानों के आच्छादन से इतिहास कुछ-कुछ गुम हो जाने को रेखांकित करता है। इस लेख में महिषासुर विमर्श को जाति-जनजाति सातत्यता की उपेक्षा और आर्य-अनार्य मिथक की भ्रान्ति पर विश्वास के सन्दर्भ में चर्चा की गई है।
Item Type: | Article |
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Discipline: | History |
Programme: | Works of Partner Organisations > Centre for the Study of Developing Societies > Pratimaan |
Creators(English): | Ambikadutt Sharma and Vishwanath Mishra |
Publisher: | CSDS, Delhi |
Journal or Publication Title(English): | Pratimaan |
URI: | http://anuvadasampada.azimpremjiuniversity.edu.in/id/eprint/3528 |
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