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उत्तर प्रदेश में भी एक बड़ा जनजातीय समाज है

वर्मा, ए.के. (2015) उत्तर प्रदेश में भी एक बड़ा जनजातीय समाज है मूल प्रश्‍न. pp. 40-46.

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उत्तर प्रदेश में भी एक बड़ा जनजातीय समाज है .pdf

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Introduction

इस लेख में उत्तर प्रदेश के जनजातीय लोगों की पीड़ा और उन्हें अनुसूचित जनजाति के रूप में मान्यता न देने के ऐतिहासिक दोष की पड़ताल की गई है। यूपी में जनजातियों की पर्याप्त आबादी है, जिन्हें अनुसूचित जनजातियों की संवैधानिक और प्रशासनिक श्रेणी से बहिष्कृत करके ग़लत तरीक़े से हिन्दू सामाजिक पदानुक्रम की निम्न/निम्नतम श्रेणियों में रख दिया गया। लेखक समुचित आँकड़ों एवं तथ्यों के द्वारा अपनी बात सिद्ध करते हुए कहते हैं कि जनजातीय मुद्दों पर फिर से विचार करना ज़रूरी है ताकि उन्हें पहचान, समावेशन, सामाजिक-आर्थिक न्याय, राजनीतिक प्रतिनिधित्व और अधिकारिता में अपना हक़ मिल सके।

Item Type: Article
Discipline: Foundations of Social Research and Reasoning
Development Studies
Programme: Works of Partner Organisations > Moolprashna > Moolprashna
Creators(English): A.K. Verma
Publisher: Mool Prashna
Journal or Publication Title(English): Mool Prashna
URI: http://anuvadasampada.azimpremjiuniversity.edu.in/id/eprint/3722
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Disclaimer

Translated from English to Hindi/Kannada by Translations Initiative, Azim Premji University. This academic resource is intended for non-commercial/academic/educational purposes only.

अनुवाद पहल, अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय द्वारा अँग्रेज़ी से हिन्दी में अनूदित। इस अकादमिक संसाधन का उपयोग केवल ग़ैर-व्यावसायिक, अकादमिक एवं शैक्षिक उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है।

ಅಜೀಂ ಪ್ರೇಮ್‍ಜಿ ವಿಶ್ವವಿದ್ಯಾಲಯದ ಅನುವಾದ ಉಪಕ್ರಮದ ವತಿಯಿಂದ ಇದನ್ನು ಇಂಗ್ಲೀಷ್‍ನಿಂದ ಕನ್ನಡಕ್ಕೆ ಅನುವಾದಿಸಲಾಗಿದೆ. ಈ ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಸಂಪನ್ಮೂಲವನ್ನು ವಾಣಿಜ್ಯೇತರ, ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಉದ್ದೇಶಗಳಿಗೆ ಬಳಸಬಹುದಾಗಿದೆ.