प्राइवेट बनाम सरकारी स्कूल
दीवान, हृदय कान्त (2016) प्राइवेट बनाम सरकारी स्कूल मूल प्रश्न. pp. 46-50.
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Introduction
प्राइवेट बनाम सरकारी स्कूल का संघर्ष बहुत पुराना नहीं है। लेखक ने प्राइवेट स्कूलों को सरकारी स्कूलों के सामने चुनौती की तरह पेश किया है। सरकारी स्कूलों की दिनोंदिन ख़राब होती स्थिति के लिए कारकों को खोजने के अतिरिक्त यह लेख देश निर्माण और संविधान की परिकल्पना की शिक्षा के माध्यम से बेहतर नागरिक बनाने में सरकारी स्कूलों की ज़रूरत पर ध्यान देता है। प्राइवेट स्कूलों की बहुचर्चित ‘गुणवत्ता’ पर भी लेख प्रश्नचिह्न लगाता है। यह लेख सरकारी स्कूलों का नकारात्मक सरकारीकरण, शिक्षा में सरकारी निवेश बढ़ाना और शिक्षकों को अधिक स्वायत्तता देने जैसे मुद्दों को उठाता है और समुदाय, पालकों व शिक्षकों की भूमिका एवं पारस्परिक संवाद बढ़ाने की कोशिश करता है।
Item Type: | Article |
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Discipline: | Introduction to School System in India |
Programme: | Works of Partner Organisations > Moolprashna > Moolprashna |
Creators(English): | Hridaykant Dewan |
Publisher: | https://moolprashna.com/moolprashna.php |
Journal or Publication Title(English): | Mool Prashna |
URI: | http://anuvadasampada.azimpremjiuniversity.edu.in/id/eprint/3725 |
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Disclaimer
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ಅಜೀಂ ಪ್ರೇಮ್ಜಿ ವಿಶ್ವವಿದ್ಯಾಲಯದ ಅನುವಾದ ಉಪಕ್ರಮದ ವತಿಯಿಂದ ಇದನ್ನು ಇಂಗ್ಲೀಷ್ನಿಂದ ಕನ್ನಡಕ್ಕೆ ಅನುವಾದಿಸಲಾಗಿದೆ. ಈ ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಸಂಪನ್ಮೂಲವನ್ನು ವಾಣಿಜ್ಯೇತರ, ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಉದ್ದೇಶಗಳಿಗೆ ಬಳಸಬಹುದಾಗಿದೆ.