मध्ययुगीन भक्ति आन्दोलन का एक पहलू
मुक्तिबोध, (1955) मध्ययुगीन भक्ति आन्दोलन का एक पहलू डिबेट ऑनलाइन (1).
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Introduction
इस लेख में भक्ति मध्ययुगीन आन्दोलन के उद्भव और अस्त के समाजशास्त्रीय और राजनीतिक कारणों की पड़ताल की गई है। भारतीय जन-मानस पर व्यापक प्रभाव को मानते हुए भी लेखक इसे एक असफ़ल सामाजिक-सांस्कृतिक आन्दोलन मानता है, जिसकी वह जाति के नज़रिए से व्याख्या करता है, न कि धर्म और दर्शन के दृष्टिकोण से। लेख भारतीय उपमहाद्वीप के विभिन्न सामाजिक आन्दोलनों को समझने के लिए एक नज़रिया और मॉडल देते हुए मध्यकाल का सामाजिक-सांस्कृतिक इतिहास भी पेश करता है। यह लेख सबाल्टर्न इतिहास के रूप में भी पढ़ा जा सकता है।
Item Type: | Article |
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Discipline: | Development Studies History Literature |
Programme: | Works of Partner Organisations > Debate Online |
Creators(English): | Muktibodh |
Journal or Publication Title(English): | Debate online |
URI: | http://anuvadasampada.azimpremjiuniversity.edu.in/id/eprint/3900 |
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Disclaimer
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ಅಜೀಂ ಪ್ರೇಮ್ಜಿ ವಿಶ್ವವಿದ್ಯಾಲಯದ ಅನುವಾದ ಉಪಕ್ರಮದ ವತಿಯಿಂದ ಇದನ್ನು ಇಂಗ್ಲೀಷ್ನಿಂದ ಕನ್ನಡಕ್ಕೆ ಅನುವಾದಿಸಲಾಗಿದೆ. ಈ ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಸಂಪನ್ಮೂಲವನ್ನು ವಾಣಿಜ್ಯೇತರ, ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಉದ್ದೇಶಗಳಿಗೆ ಬಳಸಬಹುದಾಗಿದೆ.