भारत में जाति प्रथा : उसकी संरचना, उत्पत्ति और विकास
अम्बेडकर, बी.आर. (1916) भारत में जाति प्रथा : उसकी संरचना, उत्पत्ति और विकास डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर : राइटिंग्स एंड स्पीचेस, 1. pp. 5-22.
Fulltext Document
Castes in India Their Mechanism, Genesis and Development.pdf Download (801kB) |
Introduction
यह 1917 में प्रकाशित डॉ. अम्बेडकर का जाति व्यवस्था की प्रकृति और उत्पत्ति पर आलेख है। इसमें वे यह सवाल उठाते हैं कि कैसे सांस्कृतिक रूप से एकरूप हिन्दू समाज अनगिनत जातियों में बँटा हो सकता है जो सगोत्र विवाह द्वारा एक-दूसरे में विलय से रोके गए हैं। उनका तर्क है कि बहिर्विवाह अधिकांश भारतीय परिवारों का प्राकृतिक गुण है। वे सवाल उठाते हैं कि कैसे ऐसे समाज में सगोत्र विवाह का नियम थोपा गया होगा। वे दर्शाते हैं कि किस तरह महिलाओं के उत्पीड़न के बिना सगोत्र विवाह और जाति व्यवस्था को बनाए नहीं रखा जा सकता था। यह तर्क देते हुए कि किलेबन्द वर्ग ही जाति है, वे इस बात पर विचार करते हैं कि किन परिस्थितियों में सभी समाजों ने इसे स्वीकारा होगा।
Item Type: | Article |
---|---|
Discipline: | Sociology of Modern India |
Programme: | Postgraduate Programmes > MA in Development |
Title(English): | Castes in India: Their Mechanism, Genesis and Development |
Creators(English): | B.R. Ambedkar |
Publisher: | Mumbai: Education Dept. of the Govt. of Maharashtra |
Journal or Publication Title(English): | Dr. Babasaheb Ambedkar: Writings and Speeches |
URI: | http://anuvadasampada.azimpremjiuniversity.edu.in/id/eprint/1428 |
Edit Item |
Disclaimer
Translated from English to Hindi/Kannada by Translations Initiative, Azim Premji University. This academic resource is intended for non-commercial/academic/educational purposes only.
अनुवाद पहल, अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय द्वारा अँग्रेज़ी से हिन्दी में अनूदित। इस अकादमिक संसाधन का उपयोग केवल ग़ैर-व्यावसायिक, अकादमिक एवं शैक्षिक उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है।
ಅಜೀಂ ಪ್ರೇಮ್ಜಿ ವಿಶ್ವವಿದ್ಯಾಲಯದ ಅನುವಾದ ಉಪಕ್ರಮದ ವತಿಯಿಂದ ಇದನ್ನು ಇಂಗ್ಲೀಷ್ನಿಂದ ಕನ್ನಡಕ್ಕೆ ಅನುವಾದಿಸಲಾಗಿದೆ. ಈ ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಸಂಪನ್ಮೂಲವನ್ನು ವಾಣಿಜ್ಯೇತರ, ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಉದ್ದೇಶಗಳಿಗೆ ಬಳಸಬಹುದಾಗಿದೆ.