बोर्ड परीक्षा - एक दमनकारी एवं प्रतिगामी कदम
झा, मुरारी (2018) बोर्ड परीक्षा - एक दमनकारी एवं प्रतिगामी कदम पाठशाला भीतर और बाहर, 1. pp. 18-22.
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Introduction
यशपाल समिति की रिपोर्ट 'शिक्षा बिना बोझ के’ में वर्णित है कि दसवीं और बारहवीं के अन्त में होने वाली बोर्ड परीक्षा की अभी की पाठ आधारित और प्रश्नोत्तरी प्रकार की परीक्षा विधि को बदल दिया जाए क्योंकि यह तनाव का स्तर बढ़ाने के साथ रूढ़िबद्ध अध्ययन को भी बढ़ावा देती है। फिर भी सीबीएसई ने बोर्ड परीक्षा को दसवीं में अनिवार्य कर दिया है। यह आलेख बोर्ड परीक्षाओं और इससे बच्चों में उपजने वाले डर और उससे विकसित होती डर की संस्कृति कैसा समाज गढ़ती है, के प्रश्न पर गहरी दृष्टि डालता है। यह भविष्य में संस्थागत परिवर्तनों को भी प्रभावित करेगा।
Item Type: | Article |
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Discipline: | Education |
Programme: | University Publications > Pathshala Bheetar Aur Baahar |
Creators(English): | Murari Jha |
Publisher: | Azim Premji University |
Journal or Publication Title(English): | Paathshala Bheetar aur Bahar |
URI: | http://anuvadasampada.azimpremjiuniversity.edu.in/id/eprint/2072 |
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Disclaimer
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