ऑनलाइन शिक्षण और उसके निहितार्थ
आर्य, शचीन्द्र (2020) ऑनलाइन शिक्षण और उसके निहितार्थ पाठशाला भीतर और बाहर, 5. pp. 34-43.
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Introduction
ऑनलाइन शिक्षण, कोरोना महामारी के अप्रत्याशित दौर में स्कूली शिक्षा को जारी रखने का एक माध्यम बना। इस लेख में इन नई ऑनलाइन कक्षाओं, इनको संचालित करने के लिए अपनाई गयी शिक्षण प्रक्रियाओं, इनके लिए जरूरी संसाधनों के बारे में चर्चा है। लेखक इन ऑनलाइन कक्षाओं के विभिन्न उदाहरणों को रखते हुए सवाल उठाते हैं कि क्या यह तकनीक वास्तविक कक्षा का विकल्प हो सकती है? किस हद तक? क्या यह समता, समानता और विविधता को समाहित कर सकती है? लेखक ऑनलाइन शिक्षण से जुड़े ऐसे प्रश्नों को सोचने, उनके संभावित उत्तरों तक पहुँचने की गुजारिश करते हैं ताकि इस नई बन रही संरचना से जूझने के लिए हम अपनेआप को कुशल व साधनसम्पन्न बना पाएँ।
Item Type: | Article |
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Discipline: | Education |
Programme: | University Publications > Pathshala Bheetar Aur Baahar |
Creators(English): | Shacheendr Aarya |
Publisher: | Azim Premji University |
Journal or Publication Title(English): | Paathshala Bheetar aur Bahar |
URI: | http://anuvadasampada.azimpremjiuniversity.edu.in/id/eprint/2161 |
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Disclaimer
Translated from English to Hindi/Kannada by Translations Initiative, Azim Premji University. This academic resource is intended for non-commercial/academic/educational purposes only.
अनुवाद पहल, अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय द्वारा अँग्रेज़ी से हिन्दी में अनूदित। इस अकादमिक संसाधन का उपयोग केवल ग़ैर-व्यावसायिक, अकादमिक एवं शैक्षिक उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है।
ಅಜೀಂ ಪ್ರೇಮ್ಜಿ ವಿಶ್ವವಿದ್ಯಾಲಯದ ಅನುವಾದ ಉಪಕ್ರಮದ ವತಿಯಿಂದ ಇದನ್ನು ಇಂಗ್ಲೀಷ್ನಿಂದ ಕನ್ನಡಕ್ಕೆ ಅನುವಾದಿಸಲಾಗಿದೆ. ಈ ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಸಂಪನ್ಮೂಲವನ್ನು ವಾಣಿಜ್ಯೇತರ, ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಉದ್ದೇಶಗಳಿಗೆ ಬಳಸಬಹುದಾಗಿದೆ.