बोलते चित्र - अधूरी बातों को पूरा करने का ज़रिया
ख़ान, रुबीना (2021) बोलते चित्र - अधूरी बातों को पूरा करने का ज़रिया पाठशाला भीतर और बाहर, 9. pp. 65-69.
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Introduction
बच्चों को अपनी रोज़मर्रा और पढ़ाई-लिखाई की दिनचर्या में बोलकर व लिखकर अनुभव साझा करने के अवसर मिलते रहते हैं। लेकिन चित्र जैसे सशक्त माध्यम से अभिव्यक्त करने के मौक़े कम ही बन पाते हैं। लेख, शहरी वंचित तबक़े के बच्चों के साथ काम के अनुभवों का वर्णन करते हुए दर्शाता है कि बच्चों के साथ चित्रों पर कैसे काम किया जाए ताकि वे इस माध्यम में अपने विचारों को बेहतर अभिव्यक्त कर पाएँ। बच्चों से चित्र बनवाने के लिए विषय तय करने व चित्रों पर सार्थक बातचीत के कुछ तरीक़े भी इस लेख में प्रस्तुत किए गए हैं।
Item Type: | Article |
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Discipline: | Education |
Programme: | University Publications > Pathshala Bheetar Aur Baahar |
Creators(English): | Rubina Khan |
Publisher: | Azim Premji University |
Journal or Publication Title(English): | Paathshala Bheetar aur Bahar |
URI: | http://anuvadasampada.azimpremjiuniversity.edu.in/id/eprint/2240 |
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Disclaimer
Translated from English to Hindi/Kannada by Translations Initiative, Azim Premji University. This academic resource is intended for non-commercial/academic/educational purposes only.
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ಅಜೀಂ ಪ್ರೇಮ್ಜಿ ವಿಶ್ವವಿದ್ಯಾಲಯದ ಅನುವಾದ ಉಪಕ್ರಮದ ವತಿಯಿಂದ ಇದನ್ನು ಇಂಗ್ಲೀಷ್ನಿಂದ ಕನ್ನಡಕ್ಕೆ ಅನುವಾದಿಸಲಾಗಿದೆ. ಈ ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಸಂಪನ್ಮೂಲವನ್ನು ವಾಣಿಜ್ಯೇತರ, ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಉದ್ದೇಶಗಳಿಗೆ ಬಳಸಬಹುದಾಗಿದೆ.