कक्षा में 'कन्यादान' कविता के हिस्सों को पढ़ना
आर्य, शचीन्द्र (2022) कक्षा में 'कन्यादान' कविता के हिस्सों को पढ़ना पाठशाला भीतर और बाहर, 12. pp. 23-28.
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Introduction
इस लेख में लेखक कक्षा में ‘कन्यादान’ कविता पढ़ाने के अपने अनुभव का विश्लेषण करते हैं। वे कहते हैं कि कविता तो एक ही है, फिर भी हर बार विद्यार्थियों के साथ इसे पढ़ने पर नए अनुभव सामने आते हैं। अपने अनुभवों के आधार पर विद्यार्थी कविता के अर्थ को खोलते हैं और हर बार उसमें एक नया अर्थ जुड़ जाता है। लेखक कहते हैं कि कविता के लेखक का सन्दर्भ और आज के बच्चों का सन्दर्भ कई बार बहुत अलग-अलग होता है। लेकिन यह प्रक्रिया कक्षा में चर्चा और बच्चों के अनुभवों को उभरने के मौक़े देती है।
Item Type: | Article |
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Discipline: | Education |
Programme: | University Publications > Pathshala Bheetar Aur Baahar |
Creators(English): | Shachindra Arya |
Publisher: | Azim Premji University |
Journal or Publication Title(English): | Paathshala Bheetar aur Bahar |
URI: | http://anuvadasampada.azimpremjiuniversity.edu.in/id/eprint/2291 |
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Disclaimer
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ಅಜೀಂ ಪ್ರೇಮ್ಜಿ ವಿಶ್ವವಿದ್ಯಾಲಯದ ಅನುವಾದ ಉಪಕ್ರಮದ ವತಿಯಿಂದ ಇದನ್ನು ಇಂಗ್ಲೀಷ್ನಿಂದ ಕನ್ನಡಕ್ಕೆ ಅನುವಾದಿಸಲಾಗಿದೆ. ಈ ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಸಂಪನ್ಮೂಲವನ್ನು ವಾಣಿಜ್ಯೇತರ, ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಉದ್ದೇಶಗಳಿಗೆ ಬಳಸಬಹುದಾಗಿದೆ.