बुढ़िया की रोटी कहानी का समाजशास्त्र
शर्मा, नंदा (2022) बुढ़िया की रोटी कहानी का समाजशास्त्र पाठशाला भीतर और बाहर, 12. pp. 37-43.
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Introduction
यह लेख कहानी सुनाने के बारे में है। ‘बुढ़िया की रोटी’ कहानी सुनाने के अनुभव रखते हुए लेखिका बताती हैं कि कहानी न केवल भाषा सीखने-सिखाने में महत्त्वपूर्ण हैं, बल्कि इनके ज़रिए सामाजिक व्यवहारों और मूल्यों पर भी सार्थक चर्चा हो सकती है। लेखिका कहती हैं कि बच्चे न केवल विभिन्न सामाजिक मूल्यों की समझ रखते हैं वरन् मूल्यों की टकराहट भी समझते हैं। कहानी सुनाने के दौरान बच्चे विभिन्न चरित्रों को समझते हुए उनके द्वारा किए गए कार्य को अपने तर्कों से तोलते हैं और इस प्रकार कहानी इस तरह की तार्किक तुलना करने का एक ज़रिया बनती है।
Item Type: | Article |
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Discipline: | Education |
Programme: | University Publications > Pathshala Bheetar Aur Baahar |
Creators(English): | Nanda Sharma |
Publisher: | Azim Premji University |
Journal or Publication Title(English): | Paathshala Bheetar aur Bahar |
URI: | http://anuvadasampada.azimpremjiuniversity.edu.in/id/eprint/2295 |
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Disclaimer
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ಅಜೀಂ ಪ್ರೇಮ್ಜಿ ವಿಶ್ವವಿದ್ಯಾಲಯದ ಅನುವಾದ ಉಪಕ್ರಮದ ವತಿಯಿಂದ ಇದನ್ನು ಇಂಗ್ಲೀಷ್ನಿಂದ ಕನ್ನಡಕ್ಕೆ ಅನುವಾದಿಸಲಾಗಿದೆ. ಈ ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಸಂಪನ್ಮೂಲವನ್ನು ವಾಣಿಜ್ಯೇತರ, ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಉದ್ದೇಶಗಳಿಗೆ ಬಳಸಬಹುದಾಗಿದೆ.