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विशेष ज़रूरत वाले बच्चों के प्रति हमारे समाज को और अधिक शिक्षित एवं संवेदनशील होने की ज़रूरत है

गौड़, मीनाक्षी and राय, दीपक कुमार (2022) विशेष ज़रूरत वाले बच्चों के प्रति हमारे समाज को और अधिक शिक्षित एवं संवेदनशील होने की ज़रूरत है पाठशाला भीतर और बाहर, 12. pp. 89-97.

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विशेष ज़रूरत वाले बच्चों के प्रति हमारे समाज को और अधिक शिक्षित एवं संवेदनशील होने की ज़रूरत है.pdf

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Introduction

इस साक्षात्कार में शिक्षिका मीनाक्षी कहती हैं कि अक्‍सर लड़कियों को पढ़ने के लिए लम्बा समय नहीं मिल पाता, इस वजह से पढ़ाई की लम्बी अवधि वाले पेशे चुनना उनके लिए मुश्किल होता है। मीनाक्षी द्वारा शिक्षकीय पेशे को चुनने की वजह भी यही थी। धीरे-धीरे उन्हें अहसास हुआ कि समाज से जुड़ने, समाज के लिए कुछ करने की उनकी इच्छा को पूरा करने के लिए यह सर्वोत्तम पेशा है। महिला शिक्षक होने की चुनौतियों, सीखने-सिखाने में बच्चों की क्षमता, उनके स्वभाव की समझ, शिक्षा क्यों ज़रूरी है, आदि बिन्दुओं पर गहराई से वे अपनी बात रखती हैं।

Item Type: Article
Discipline: Education
Programme: University Publications > Pathshala Bheetar Aur Baahar
Publisher: Azim Premji University
Journal or Publication Title(English): Paathshala Bheetar aur Bahar
URI: http://anuvadasampada.azimpremjiuniversity.edu.in/id/eprint/2308
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Disclaimer

Translated from English to Hindi/Kannada by Translations Initiative, Azim Premji University. This academic resource is intended for non-commercial/academic/educational purposes only.

अनुवाद पहल, अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय द्वारा अँग्रेज़ी से हिन्दी में अनूदित। इस अकादमिक संसाधन का उपयोग केवल ग़ैर-व्यावसायिक, अकादमिक एवं शैक्षिक उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है।

ಅಜೀಂ ಪ್ರೇಮ್‍ಜಿ ವಿಶ್ವವಿದ್ಯಾಲಯದ ಅನುವಾದ ಉಪಕ್ರಮದ ವತಿಯಿಂದ ಇದನ್ನು ಇಂಗ್ಲೀಷ್‍ನಿಂದ ಕನ್ನಡಕ್ಕೆ ಅನುವಾದಿಸಲಾಗಿದೆ. ಈ ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಸಂಪನ್ಮೂಲವನ್ನು ವಾಣಿಜ್ಯೇತರ, ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಉದ್ದೇಶಗಳಿಗೆ ಬಳಸಬಹುದಾಗಿದೆ.