बच्चे, अभिभावक और शिक्षक
निशी, (2015) बच्चे, अभिभावक और शिक्षक खोजें और जानें (13). pp. 38-42.
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Introduction
हम सब अपने बच्चों को स्कूल में प्रवेश कराते समय स्कूल और अध्यापकों से कुछ अपेक्षाएँ भी पाल लेते हैं। अपेक्षाएँ बेहतर शिक्षण के साथ, बेहतर भौतिक संसाधनों की भी होती हैं। लेकिन आगे चलकर यह केवल बेहतर परीक्षा-परिणाम पर आकर सिमट जाती हैं। बच्चे का मूल्यांकन प्राप्तांकों के आधार पर ही करते हैं और सन्तुष्ट नहीं होने पर शिक्षकों और स्कूल पर दोषारोपण कर देते हैं। ज़रूरत इस बात की है कि हम अंकों के दायरे से बाहर निकलकर अन्यान्य क्षेत्रों में हुए विकास को भी देखें। शिक्षक को भी बच्चे की प्रकृति और क्षमताओं को समझना होगा, तभी शिक्षक और अभिभावक बच्चे के बेहतर विकास के साझेदार हो सकेंगे। लेखिका इस लेख में इन सब बातों को सामने रखकर विस्तार से बात करती हैं।
Item Type: | Article |
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Discipline: | Education |
Programme: | Works of Partner Organisations > Vidya Bhawan Society > Khoje Aur Jaane |
Creators(English): | Nishi |
Publisher: | Vidya Bhawan |
Journal or Publication Title(English): | Khojen aur Janen |
URI: | http://anuvadasampada.azimpremjiuniversity.edu.in/id/eprint/2541 |
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Disclaimer
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ಅಜೀಂ ಪ್ರೇಮ್ಜಿ ವಿಶ್ವವಿದ್ಯಾಲಯದ ಅನುವಾದ ಉಪಕ್ರಮದ ವತಿಯಿಂದ ಇದನ್ನು ಇಂಗ್ಲೀಷ್ನಿಂದ ಕನ್ನಡಕ್ಕೆ ಅನುವಾದಿಸಲಾಗಿದೆ. ಈ ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಸಂಪನ್ಮೂಲವನ್ನು ವಾಣಿಜ್ಯೇತರ, ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಉದ್ದೇಶಗಳಿಗೆ ಬಳಸಬಹುದಾಗಿದೆ.