शिक्षक : पढ़ेगा नहीं, तो बढ़ेगा नहीं
थानवी, शिवरतन (2014) शिक्षक : पढ़ेगा नहीं, तो बढ़ेगा नहीं खोजें और जानें (10). pp. 21-25.
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Introduction
लेखक इस लेख में शिक्षकों के पढ़ने-पढ़ाने से जुड़ाव को बहुत महत्त्वपूर्ण मानते हैं। उनके अनुसार जो पढ़ेगा वही पढ़ाएगा। बच्चों को सीखने-सिखाने में माँ-बाप व शिक्षकों की भूमिका महत्त्वपूर्ण होती है। लेकिन शिक्षक क्या पढ़ें, क्यों पढ़ें यह एक महत्त्वपूर्ण विचारणीय विषय है। लेखक इस बात को विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से सामने रखते हैं। वे इस सन्दर्भ में स्वाध्याय पर भी ज़ोर देते हैं। वे मानते हैं कि नित नए ज्ञान का सृजन बच्चों को सिखाने में महत्त्वपूर्ण साबित हो सकता है।
Item Type: | Article |
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Discipline: | Education |
Programme: | Works of Partner Organisations > Vidya Bhawan Society > Khoje Aur Jaane |
Creators(English): | Shivratan Thanvi |
Publisher: | Vidya Bhawan |
Journal or Publication Title(English): | Khojen aur Janen |
URI: | http://anuvadasampada.azimpremjiuniversity.edu.in/id/eprint/2545 |
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Disclaimer
Translated from English to Hindi/Kannada by Translations Initiative, Azim Premji University. This academic resource is intended for non-commercial/academic/educational purposes only.
अनुवाद पहल, अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय द्वारा अँग्रेज़ी से हिन्दी में अनूदित। इस अकादमिक संसाधन का उपयोग केवल ग़ैर-व्यावसायिक, अकादमिक एवं शैक्षिक उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है।
ಅಜೀಂ ಪ್ರೇಮ್ಜಿ ವಿಶ್ವವಿದ್ಯಾಲಯದ ಅನುವಾದ ಉಪಕ್ರಮದ ವತಿಯಿಂದ ಇದನ್ನು ಇಂಗ್ಲೀಷ್ನಿಂದ ಕನ್ನಡಕ್ಕೆ ಅನುವಾದಿಸಲಾಗಿದೆ. ಈ ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಸಂಪನ್ಮೂಲವನ್ನು ವಾಣಿಜ್ಯೇತರ, ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಉದ್ದೇಶಗಳಿಗೆ ಬಳಸಬಹುದಾಗಿದೆ.