बाधा का सिद्धान्त
संहिता, लास्या (2011) बाधा का सिद्धान्त संदर्भ (74). 31 -42.
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Introduction
बाधा का सिद्धान्त बीसवीं सदी के जीवविज्ञान के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण विचारों में से एक है। इस सिद्धान्त में प्रयोग और प्राणियों के आचरणों के लम्बे समय तक किए गए अवलोकन को दर्शाया गया है। इस लेख के अन्तर्गत लेखक ने बाधा के सिद्धान्त की, और विभिन्न जैविक घटनाओं में इसके उपयोग की चर्चा की है। यह सिद्धान्त अपने शुरुआती दशकों में सफ़ल नहीं हुआ और इसे ख़ारिज किया गया। यह आकर्षक तो लग था पर ग़लत माना जा रहा था। लेकिन 1990 के बाद इसके प्रति वैज्ञानिकों की राय बदली और फिर इसे व्यावहारिक सिद्धान्त के रूप में मान्यता मिल गई। इसके विविध पहलुओं की विकास यात्रा की चर्चा इस लेख में की गई है।
Item Type: | Article |
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Discipline: | Education |
Programme: | Works of Partner Organisations > Eklavya Foundation > Sandarbh |
Creators(English): | Lasya Sabhita |
Publisher: | Eklavya Foundation |
Journal or Publication Title(English): | Sandarbh |
URI: | http://anuvadasampada.azimpremjiuniversity.edu.in/id/eprint/2692 |
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Disclaimer
Translated from English to Hindi/Kannada by Translations Initiative, Azim Premji University. This academic resource is intended for non-commercial/academic/educational purposes only.
अनुवाद पहल, अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय द्वारा अँग्रेज़ी से हिन्दी में अनूदित। इस अकादमिक संसाधन का उपयोग केवल ग़ैर-व्यावसायिक, अकादमिक एवं शैक्षिक उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है।
ಅಜೀಂ ಪ್ರೇಮ್ಜಿ ವಿಶ್ವವಿದ್ಯಾಲಯದ ಅನುವಾದ ಉಪಕ್ರಮದ ವತಿಯಿಂದ ಇದನ್ನು ಇಂಗ್ಲೀಷ್ನಿಂದ ಕನ್ನಡಕ್ಕೆ ಅನುವಾದಿಸಲಾಗಿದೆ. ಈ ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಸಂಪನ್ಮೂಲವನ್ನು ವಾಣಿಜ್ಯೇತರ, ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಉದ್ದೇಶಗಳಿಗೆ ಬಳಸಬಹುದಾಗಿದೆ.