विद्युत बल्ब इतिहास बनने की कगार पर
वेंकटेश्वरन, टी.वी. (2008) विद्युत बल्ब इतिहास बनने की कगार पर संदर्भ (61). pp. 29-43.
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Introduction
हम सब जानते हैं कि बल्ब के आविष्कार का श्रेय थॉमस अल्वा एडिसन को दिया जाता है। मानव में कृत्रिम प्रकाश को उत्पन्न करने की इच्छा तो शुरुआती दौर से ही देखने को मिलती है। कृत्रिम प्रकाश की व्यवस्था मनुष्य हर उस स्थान पर करने की कोशिश करता रहा, जहाँ उसे रहना पड़ता था। लेखक के अनुसार आरम्भ में इसके लिए खोखले पत्थर, सीपी या अन्य किसी प्राकृतिक वस्तु में सूखी काई को जानवर की चर्बी में भिगोकर जलाया जाता था। बाद में मिट्टी के बर्तन के विकास के बाद दिए बनाना, तेल के लैंप, गैस इत्यादि रोशनी के स्त्रोत होते गए। विद्युत का इस्तेमाल आगे जाकर उन्नीसवीं सदी के शुरुआती दशक में होने लगा। इस लेख में हम रोशनी के एक स्रोत ताप–दीप्त बल्ब के बारे में उचित जानकारी प्राप्त करने की कोशिश करेंगे।
Item Type: | Article |
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Discipline: | Education |
Programme: | Works of Partner Organisations > Eklavya Foundation > Sandarbh |
Creators(English): | T. V. Venkateshwaran |
Publisher: | Eklavya Foundation |
Journal or Publication Title(English): | Sandarbh |
URI: | http://anuvadasampada.azimpremjiuniversity.edu.in/id/eprint/2706 |
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Disclaimer
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