निस्तेज धर्मनिरपेक्षता और साम्प्रदायिक विद्वेष
धनकर, रोहित (2002) निस्तेज धर्मनिरपेक्षता और साम्प्रदायिक विद्वेष शिक्षा विमर्श. 03-06. ISSN 2231-0509
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Introduction
समकालीन भारत में धर्म के बढ़ते प्रभाव के कारण चिन्हित करता हुआ यह लेख भारत की धर्मनिरपेक्षता की धुँधली परिभाषा को एक मुख्य कारण के रूप में पेश करता है। लेख बताता है कि धार्मिक सन्दर्भों में आलोचनाओं का अभाव हिन्दू व मुस्लिम कट्टरपन्थ को फैलाने में किस तरह मददगार साबित हो रहा है। लेख उन राजनैतिक, सामाजिक और सरकारी मंचों की भूमिका पर भी बात करता है जो धर्मनिरपेक्षता को रोकते हैं। साथ ही लेख स्कूली शिक्षा में धर्म के प्रति आलोचनात्मक दृष्टि पैदा करने की ज़रूरत चिन्हित करता है।
Item Type: | Article |
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Discipline: | Education |
Programme: | Works of Partner Organisations > Digantar > Shiksha Vimarsh |
Creators(English): | Rohit Dhankar |
Publisher: | Digantar |
Journal or Publication Title(English): | Shiksha Vimarsh |
URI: | http://anuvadasampada.azimpremjiuniversity.edu.in/id/eprint/3032 |
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Disclaimer
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ಅಜೀಂ ಪ್ರೇಮ್ಜಿ ವಿಶ್ವವಿದ್ಯಾಲಯದ ಅನುವಾದ ಉಪಕ್ರಮದ ವತಿಯಿಂದ ಇದನ್ನು ಇಂಗ್ಲೀಷ್ನಿಂದ ಕನ್ನಡಕ್ಕೆ ಅನುವಾದಿಸಲಾಗಿದೆ. ಈ ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಸಂಪನ್ಮೂಲವನ್ನು ವಾಣಿಜ್ಯೇತರ, ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಉದ್ದೇಶಗಳಿಗೆ ಬಳಸಬಹುದಾಗಿದೆ.