सलवा जुडूम और न्याय का लोकतंत्रीकरण : नीति-निर्णय, उदारीकरण और सुप्रीम कोर्ट
झा, इन्द्रजीत कुमार (2013) सलवा जुडूम और न्याय का लोकतंत्रीकरण : नीति-निर्णय, उदारीकरण और सुप्रीम कोर्ट प्रतिमान, 1 (1). pp. 178-202.
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Introduction
इस लेख में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के दो न्यायाधीशों की पीठ के फ़ैसले की कई नज़रियों से विवेचना की गई है, जिसमें नक्सलविरोधी अभियान के लिए विशेष पुलिस ऑफ़िसरों की नियुक्ति को असंवैधानिक बताया गया है। साथ ही इस फ़ैसले में राज्य द्वारा अपनाई गई उदारीकरण एवं विकास की नीति की आलोचना है। उदारीकरण की नीति अपनाने के बाद से सम्भवतः यह पहला मामला है जिसमें न्यायालय ने राज्य द्वारा अपनाई गई विकास नीति की इतनी मुखर आलोचना की है तथा उदारीकरण की नीति पर सवाल उठाए हैं। अन्त में यह कहा गया है कि सलवा जुडूम निर्णय को सामाजिक नीति के नज़रिए से चुने गए एक बेहतर विकल्प के रूप में देखा जाना चाहिए।
Item Type: | Article |
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Discipline: | Development Studies Law and Governanace |
Programme: | Works of Partner Organisations > Centre for the Study of Developing Societies > Pratimaan |
Creators(English): | Indrajit Kumar Jha |
Publisher: | CSDS, Delhi |
Journal or Publication Title(English): | Pratimaan |
URI: | http://anuvadasampada.azimpremjiuniversity.edu.in/id/eprint/3065 |
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