मुज़फ़्फ़रनगर 2013 : राजनीतिक समाजशास्त्र के आईने में
अहमद, हिलाल (2013) मुज़फ़्फ़रनगर 2013 : राजनीतिक समाजशास्त्र के आईने में प्रतिमान, 1 (2). pp. 487-496.
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Introduction
इस आलेख में साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण की राजनीति के मीडिया विमर्श से परे जाकर धर्म और जाति के जटिल रिश्ते, धार्मिकता के बदलते चरित्र, धर्म की सार्वजनिक उपस्थिति के प्रतीक व उसके राजनीतिक प्रयोग की चर्चा की गई है। इसमें संचार के माध्यमों के ज़रिए ग्रामीण समाज में उत्पन्न कल्पित समुदाय व पारम्परिक ग्रामीण संस्थाओं की राजनीतिक भूमिका की भी चर्चा की गई है। यहाँ लेखक हिन्दुवादी राजनीतिक उभार व इसके तीन मुहावरों सुशासन, स्वत:स्फूर्त हिन्दू रोष व हिन्दू अस्मिता की रक्षा की पड़ताल कर इसे समझने में सेकुलरिज़म-फ़ासीवाद के फ़्रेम की अपर्याप्तता व ख़तरे को इंगित करते हैं।
Item Type: | Article |
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Discipline: | Social Science Education |
Programme: | Works of Partner Organisations > Centre for the Study of Developing Societies > Pratimaan |
Creators(English): | Hilal Ahmed |
Publisher: | CSDS, Delhi |
Journal or Publication Title(English): | Pratimaan |
URI: | http://anuvadasampada.azimpremjiuniversity.edu.in/id/eprint/3074 |
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Disclaimer
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ಅಜೀಂ ಪ್ರೇಮ್ಜಿ ವಿಶ್ವವಿದ್ಯಾಲಯದ ಅನುವಾದ ಉಪಕ್ರಮದ ವತಿಯಿಂದ ಇದನ್ನು ಇಂಗ್ಲೀಷ್ನಿಂದ ಕನ್ನಡಕ್ಕೆ ಅನುವಾದಿಸಲಾಗಿದೆ. ಈ ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಸಂಪನ್ಮೂಲವನ್ನು ವಾಣಿಜ್ಯೇತರ, ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಉದ್ದೇಶಗಳಿಗೆ ಬಳಸಬಹುದಾಗಿದೆ.