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आधुनिकता और चण्डीगढ़ का तिलिस्म : पितृसत्ता, जाति और एक शहर की दास्तान

कौर, नवप्रीत (2013) आधुनिकता और चण्डीगढ़ का तिलिस्म : पितृसत्ता, जाति और एक शहर की दास्तान प्रतिमान, 1 (2). pp. 562-580.

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आधुनिकता और चण्डीगढ़ का तिलिस्म - पितृसत्ता, जाति और एक शहर की दास्तान.pdf

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Introduction

इस आलेख में चंडीगढ़ के हवाले से नेहरूवादी आधुनिकता के दौर में राष्ट्र निर्माण प्रक्रिया में राष्ट्रीय आकांक्षाएँ किस तरह अभिव्यक्त हुई का वर्णन है। नए राष्ट्र व नए नागरिक के निर्माण क्रम में ऊपर से आए दबाव ने किस तरह सामाजिक संस्थाओं व परम्पराओं पर असर डाला। शहरी आधुनिकता ने प्रेम विवाह; परिवार को किस तरह बदला, शहरी में स्पेस के नए विन्यास व प्रकृति ने पितृसत्ता व सेक्सुअलिटी को किस तरह अनुकूलित किया उसका ब्यौरा सुनील खिलनानी व कश्मीरी लाल ज़ाकिर के उपन्यास के हवाले से सूक्ष्म स्तर पर दिया गया है।

Item Type: Article
Discipline: Social Science Education
Programme: Works of Partner Organisations > Centre for the Study of Developing Societies > Pratimaan
Creators(English): Navpreet Kaur
Publisher: CSDS, Delhi
Journal or Publication Title(English): Pratimaan:
URI: http://anuvadasampada.azimpremjiuniversity.edu.in/id/eprint/3079
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Disclaimer

Translated from English to Hindi/Kannada by Translations Initiative, Azim Premji University. This academic resource is intended for non-commercial/academic/educational purposes only.

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ಅಜೀಂ ಪ್ರೇಮ್‍ಜಿ ವಿಶ್ವವಿದ್ಯಾಲಯದ ಅನುವಾದ ಉಪಕ್ರಮದ ವತಿಯಿಂದ ಇದನ್ನು ಇಂಗ್ಲೀಷ್‍ನಿಂದ ಕನ್ನಡಕ್ಕೆ ಅನುವಾದಿಸಲಾಗಿದೆ. ಈ ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಸಂಪನ್ಮೂಲವನ್ನು ವಾಣಿಜ್ಯೇತರ, ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಉದ್ದೇಶಗಳಿಗೆ ಬಳಸಬಹುದಾಗಿದೆ.