राज्य सत्ता का प्रतिरोध: संस्कृति और शिक्षा की भूमिका
पण्डित, सुरेश (1999) राज्य सत्ता का प्रतिरोध: संस्कृति और शिक्षा की भूमिका शिक्षा विमर्श. pp. 6-11. ISSN 2231-0509
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Introduction
यह लेख धर्म व राज्यसत्ता के अन्तर्सम्बन्धों का अध्ययन करता है तथा दोनों के द्वारा किये गए गए शिक्षा के उपयोगों की पड़ताल करता है। लेखक का मानना है कि बदलते समाज के साथ शिक्षा के मायने भी बदल रहे हैं तथा शिक्षा अब धर्म व राज्यसत्ता से सीधे तौर पर नियंत्रित न होकर वैश्वीकरण से जुड़ती जा रही है। जिससे वह उपभोक्तावादी अवधारणाओं तथा ऐसे प्रौद्योगिक विध्वंसकारी उपकरणों को बनाने में सक्षम हो रही है जोकि मानव सभ्यता के लिए उभरते हुए नए ख़तरे हैं।
Item Type: | Article |
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Discipline: | Education for Citizenship Education |
Programme: | Works of Partner Organisations > Digantar > Shiksha Vimarsh |
Creators(English): | Suresh Pandit |
Publisher: | Digantar |
Journal or Publication Title(English): | Shiksha Vimarsh |
URI: | http://anuvadasampada.azimpremjiuniversity.edu.in/id/eprint/3337 |
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Disclaimer
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ಅಜೀಂ ಪ್ರೇಮ್ಜಿ ವಿಶ್ವವಿದ್ಯಾಲಯದ ಅನುವಾದ ಉಪಕ್ರಮದ ವತಿಯಿಂದ ಇದನ್ನು ಇಂಗ್ಲೀಷ್ನಿಂದ ಕನ್ನಡಕ್ಕೆ ಅನುವಾದಿಸಲಾಗಿದೆ. ಈ ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಸಂಪನ್ಮೂಲವನ್ನು ವಾಣಿಜ್ಯೇತರ, ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಉದ್ದೇಶಗಳಿಗೆ ಬಳಸಬಹುದಾಗಿದೆ.