लोकतंत्र और स्कूली शिक्षा
यादव, योगेन्द्र (2007) लोकतंत्र और स्कूली शिक्षा शिक्षा विमर्श. pp. 5-14. ISSN 2231-0509
Fulltext Document
लोकतंत्र और स्कूली शिक्षा .pdf Download (66kB) |
Introduction
यह ‘शिक्षा विमर्श व्याख्यान शृंखला’ में दिया गया व्याख्यान है। इसमें सवाल उठाया गया है कि क्या शिक्षा, लोकतांत्रिक मूल्यों की वाहक बन सकती है? व्याख्यान इस प्रक्रिया की बाधाओं को चिह्नित करता हुआ बताता है कि समस्या शिक्षार्थियों में नहीं, बल्कि पाठ्यचर्या, पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तकों में है। राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा 2005 के अनुरूप बनी नई पाठ्यपुस्तकों की निर्माण प्रक्रिया पर विस्तृत चर्चा करता हुआ व्याख्यान इन पुस्तकों द्वारा लोकतांत्रिक चेतना के विस्तार पर बात करता है।
Item Type: | Article |
---|---|
Discipline: | Education for Citizenship Education |
Programme: | Works of Partner Organisations > Digantar > Shiksha Vimarsh |
Creators(English): | Yogendra Yadav |
Publisher: | Digantar |
Journal or Publication Title(English): | Shiksha Vimarsh |
URI: | http://anuvadasampada.azimpremjiuniversity.edu.in/id/eprint/3381 |
Edit Item |
Disclaimer
Translated from English to Hindi/Kannada by Translations Initiative, Azim Premji University. This academic resource is intended for non-commercial/academic/educational purposes only.
अनुवाद पहल, अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय द्वारा अँग्रेज़ी से हिन्दी में अनूदित। इस अकादमिक संसाधन का उपयोग केवल ग़ैर-व्यावसायिक, अकादमिक एवं शैक्षिक उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है।
ಅಜೀಂ ಪ್ರೇಮ್ಜಿ ವಿಶ್ವವಿದ್ಯಾಲಯದ ಅನುವಾದ ಉಪಕ್ರಮದ ವತಿಯಿಂದ ಇದನ್ನು ಇಂಗ್ಲೀಷ್ನಿಂದ ಕನ್ನಡಕ್ಕೆ ಅನುವಾದಿಸಲಾಗಿದೆ. ಈ ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಸಂಪನ್ಮೂಲವನ್ನು ವಾಣಿಜ್ಯೇತರ, ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಉದ್ದೇಶಗಳಿಗೆ ಬಳಸಬಹುದಾಗಿದೆ.