अभिनव हैं अभिनव : दसवीं सदी के सौन्दर्यशास्त्री का संसार
त्रिपाठी, राधावल्लभ (2016) अभिनव हैं अभिनव : दसवीं सदी के सौन्दर्यशास्त्री का संसार प्रतिमान (7). pp. 49-75.
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Introduction
अभिनवगुप्त एक मेधावी चिन्तक, दार्शनिक; कवि और सौन्दर्यशास्त्री थे। ऐसी प्रतिभा के निर्माण में अनेक समीकरणों, परम्पराओं और साधन-पद्धतियों का समायोजन होता है। इनके साथ ही यह लेख उनके समय पर शिखर पर मौजूद प्रत्यविज्ञादर्शन के चिन्तन और तंत्र की साधना, इसी पृष्ठभूमि से आने वाले उनके गुरुओं, उस समय कश्मीर में मौजूद चिन्तन, दर्शन, कला और संस्कृति – इन सभी को अभिनव गुप्त के महान चिन्तक बनने में योगदान को चिह्नित करता है। लेख अभिनवगुप्त साझा संस्कृति में योगदान और उसके प्रतीक बन जाने को भी ख़ासतौर पर बताता है।
Item Type: | Article |
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Discipline: | Philosophy Literature |
Programme: | Works of Partner Organisations > Centre for the Study of Developing Societies > Pratimaan |
Creators(English): | Radhavallabh Tripathi |
Publisher: | CSDS, Delhi |
Journal or Publication Title(English): | Pratimaan |
URI: | http://anuvadasampada.azimpremjiuniversity.edu.in/id/eprint/3391 |
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Disclaimer
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ಅಜೀಂ ಪ್ರೇಮ್ಜಿ ವಿಶ್ವವಿದ್ಯಾಲಯದ ಅನುವಾದ ಉಪಕ್ರಮದ ವತಿಯಿಂದ ಇದನ್ನು ಇಂಗ್ಲೀಷ್ನಿಂದ ಕನ್ನಡಕ್ಕೆ ಅನುವಾದಿಸಲಾಗಿದೆ. ಈ ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಸಂಪನ್ಮೂಲವನ್ನು ವಾಣಿಜ್ಯೇತರ, ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಉದ್ದೇಶಗಳಿಗೆ ಬಳಸಬಹುದಾಗಿದೆ.