किसान क्रान्ति और उन्मुक्त फ़िलॉलॉजी : निम्नवर्गीय प्रसंग, सहृदय पाठक परम्परा और भाषाओं का द्वन्द्व
भटनागर, रश्मि दुबे (2014) किसान क्रान्ति और उन्मुक्त फ़िलॉलॉजी : निम्नवर्गीय प्रसंग, सहृदय पाठक परम्परा और भाषाओं का द्वन्द्व प्रतिमान (4). pp. 592-628.
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Introduction
यह आलेख प्रोफ़ेसर रामचन्द्र गुहा द्वारा सन्थाल विद्रोह में स्त्रियों की भूमिका के लिए इस्तेमाल किए गए ऐतिहासिक स्रोतों में भाषा की उपयोगिता के बारे में है। यहाँ प्रतिरोध के दस्तावेज़ व सांस्कृतिक-राजनीतिक मध्यस्थता में भाषा की भूमिका की पड़ताल की गई है। बताया गया है कि विभिन्न पाठकीय दावेदारी से लेखक की संवादपरकता किस तरह टेक्सचुअल स्विच बनकर गुम ऐतिहासिक तथ्यों व भूमिकाओं को रोशन करती है। आलेख बताता है कि उन्मुक्त फ़िलोलॉजी की उन्मुक्तता क्रान्ति के विभिन्न पात्रों व पाठकीय दावेदारियों के साथ जुड़ाव है व इसका चरित्र अस्थिर होता है। लेखिका आगाह करती हैं कि इस पर ज्ञानक्षेत्र का अनुशासन लागू करना ख़तरनाक हो सकता है।
Item Type: | Article |
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Discipline: | Development Studies Political Science |
Programme: | Works of Partner Organisations > Centre for the Study of Developing Societies > Pratimaan |
Creators(English): | Rashmi Dubey Bhatnagar |
Publisher: | CSDS, Delhi |
Journal or Publication Title(English): | Pratimaan |
URI: | http://anuvadasampada.azimpremjiuniversity.edu.in/id/eprint/3493 |
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