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Items where Subject is "Political Science"

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अग्‍निवेश, स्वामी (2010) ये अन्याय हमें स्वीकार नहीं मूल प्रश्‍न. pp. 35-40.

अनिवेद, शिवनारायण सिंह (2001) आधुनिकता का लबादा: प्रभुत्व एवं प्रतिरोध का द्वन्द्वात्मक विमर्श मूल प्रश्‍न. pp. 27-33.

अनुषा, (2014) माई माटी छोड़ब नाही : पोटका का भूमि अधिकार आन्दोलन प्रतिमान (4). pp. 748-765.

अली, मुख़्त्यार (2001) आतंकवाद से ग्रस्त मानवता मूल प्रश्‍न. pp. 40-42.

अहमद, हिलाल (2013) मंटो : सियासत के अधूरे अफ़साने प्रतिमान, 1 (1). pp. 254-267.

अहमद, हिलाल (2015) मुस्लिम राजनीतिक विमर्श : एक टिप्पणी प्रतिमान (6). pp. 380-387.

आम्बेडकर, भीम राव (2015) अस्पृश्यता, मृत गाय और ब्राह्मणवाद प्रतिमान (6). pp. 478-494.

आसोपा, शील के. (1997) तेहतरवां संविधान संशोधन अधिनियम एवं महिलाएं मूल प्रश्‍न. pp. 4-10.

उर्मिलेश, (2019) कश्मीर : सरकारी विमर्श बनाम गाँधी, आम्बेडकर और लोहिया प्रतिमान (14). pp. 1-9.

एंगेल्स, फ्ऱेडरिक (1978) परिवार, निजी सम्पत्ति और राज्य की उत्पत्ति : एक अंश डिबेट ऑनलाइन, 3 (2).

कपूर, शिवानी (2016) इत्र बनाम चमड़ा : उत्तर प्रदेश में जाति और गंध की राजनीति प्रतिमान (7). pp. 240-257.

कुमार, संजय (2013) भारत में मतदान-व्यवहार : अध्ययन का इतिहास और उभरती चुनौतियाँ प्रतिमान, 1 (1). pp. 321-345.

कुमार, सतेन्‍द्र (2015) राजनीतिक अध्ययन में एथ्नॉग्राफ़ी की भूमिका प्रतिमान, 3 (1). pp. 213-221.

कुमार झा, पंकज and दत्ता, कस्तूरी (2018) राजनीतिशास्त्र के आईने में 'राग दरबारी' के पचास साल प्रतिमान (12). pp. 374-379.

कोठारी, रजनी (1981) भारतीय राजनीतिक प्रणाली में चुनावी फ़ैसले की सीमाएँ मूल प्रश्‍न. pp. 9-11.

कोलगे, निशिकान्त (2019) दलित आन्दोलन के लिए गाँधी - आम्बेडकर बहस के सबक़ प्रतिमान (13). pp. 26-38.

कौशिक, आशा (2016) राष्ट्रवाद पर बहस : लोकतांत्रिक संवाद का संकट मूल प्रश्‍न. pp. 36-40.

गाताडे, सुभाष (2005) आधुनिक युग के बर्बर? मूल प्रश्‍न. pp. 28-32.

गुप्ता, चारु (2013) रूप और अरूप, सीमा और असीम : औपनिवेशिक उत्तर भारत में दलित-पौरुष प्रतिमान, 1 (1). pp. 99-125.

गुरु, गोपाल (2013) अनुभव, स्थान और न्याय प्रतिमान, 1 (2). pp. 531-556.

गोस्वामी, नरेश (2017) समान नागरिक संहिता : सवाल और सम्भावनाएँ प्रतिमान (10). pp. 39-54.

चटर्जी, पार्थ (2019) जनता का सम्प्रभु और बहुसंख्यकवाद प्रतिमान (13). pp. 1-9.

चतुर्वेदी, अरुण (2001) राजनैतिक व्यवस्था टूट रही है मूल प्रश्‍न. pp. 55-57.

चतुर्वेदी, अरुण (2001) आतंकवाद को समझने के क्रम में मूल प्रश्‍न. pp. 14-17.

चतुर्वेदी, अरुण (1997) अभिनव पंचायती राज व्यवस्था : वैचारिक आधार (राजस्थान : एक विश्लेषण) मूल प्रश्‍न. pp. 26-33.

चतुर्वेदी, अरुण (2010) संसदीय आचरण के विचलन से जुड़े प्रश्‍न मूल प्रश्‍न. pp. 19-22.

चमड़िया, अनिल (2001) राजनीति में भाषा का खेल मूल प्रश्‍न. pp. 18-20.

चौधरी, प्रसन्न कुमार (2017) पिकेटी, मार्क्स और पूँजी : सन्दर्भ और समालोचना प्रतिमान (10). pp. 165-193.

चौधरी, सौम्यव्रत (2014) राजनीति के क़ाबिल कौन है? : आम्बेडकर बरक्स अरस्तू प्रतिमान, 2 (1). pp. 259-278.

चौबे, कमल नयन (2019) सोशल मीडिया और मतदाता प्रतिमान (13). pp. 17-25.

चौबे, कमल नयन (2018) सलवा जुडूम : राज्य, माओवाद और हिंसा की अन्तहीन दास्तान प्रतिमान (12). pp. 187-208.

चौबे, कमल नयन (2015) लोकतंत्र, चुनाव और राजनीतिक गत्यात्मकता की सैद्धान्तिकी प्रतिमान (6). pp. 388-410.

चौबे, कमलनयन (2013) दो ‘प्रगतिशील’ कानूनों की दास्तान : राज्य, जन-आन्दोलन और प्रतिरोध प्रतिमान, 1 (1). pp. 149-177.

जैन, कमलेश (2011) न्यायपालिका में भ्रष्टाचार मूल प्रश्‍न. pp. 12-17.

जैन, रमेश (2010) पत्रकार गाँधी मूल प्रश्‍न. pp. 40-46.

जोशी, प्रज्ञा (2008) राह ‘प्रजातंत्र’ से जनतंत्र की मूल प्रश्‍न. pp. 55-59.

जोशी, रामशरण (2004) ज़रूरत है : कल्पनाशील नेतृत्व, संघर्ष और निर्माण की मूल प्रश्‍न. pp. 34-37.

झा, सदन (2013) देखने की राजनीति : भारत का झण्डा और आस्था की नज़र प्रतिमान, 1 (1). pp. 234-253.

टण्टन, आलोक (2016) नेहरू और आम्बेडकर : भारतीय आधुनिकता के दो चेहरे प्रतिमान (7). pp. 26-42.

टण्टन, आलोक (2014) अस्मिता और अन्यता : सम्बन्ध, समस्या और समाधान प्रतिमान (4). pp. 570-580.

तिवारी, सागर (2018) सैद्धान्तिक बहस और फ़ील्ड की आवाज़ें प्रतिमान (12). pp. 215-220.

दीवान, हृदय कान्त (2010) विस्तृत ढाँचा और क़ानून – बौनी होती क्षमताएँ मूल प्रश्‍न. pp. 30-34.

दीवान, हृदय कान्त (2008) प्रजातंत्र के सैद्धान्तिक सरोकार मूल प्रश्‍न. 7 -12.

दुबे, अभय कुमार (2008) कन्धमाल की हिंसा बनाम धर्मनिरपेक्षता मूल प्रश्‍न. pp. 37-39.

देवड़ा, जी. एस. एल. (2010) महात्मा गाँधी की देशी रियासतों के प्रति नीति – एक समीक्षा मूल प्रश्‍न. pp. 7-11.

देशपाण्डे, राजेश्‍वरी (2014) क्या चाहती हैं वोटर औरतें? प्रतिमान, 2 (1). pp. 173-182.

दोषी, शम्भूलाल (1981) सवाल व्यवस्था का नहीं, सम्पूर्ण व्यवस्था का है मूल प्रश्न. pp. 16-18.

नारायण, इकबाल (1981) गतिरोध, स्थिति और विकास मूल प्रश्‍न. pp. 4-8.

निगम, आदित्य (2014) जनतंत्र और जनवाद के बीच : कुछ सैद्धांतिक सवाल प्रतिमान, 2 (1). 01-22.

निगम, आदित्य (2017) अक्तूबर क्रान्ति की याद : डास कापिताल के ख़िलाफ़ इंक़लाब प्रतिमान (10). pp. 1-6.

निगम, आदित्य and चौधरी, श्रीश and दीवान, हृदय कान्त and दासगुप्ता, प्रबाल and त्रिपाठी, राधावल्लभ and बनर्जी, प्रथमा and पाण्डेय, राकेश and दुबे, अभय कुमार and अहमद, हिलाल and कुमार, सतेन्द्र and राजकुमार, and नरेगल, वीणा and प्रियर्शिनी, मुकुल and भट्टाचार्य, बैदिक and देशपाण्डे, सतीश and शर्मा, कंचन and दिवाकर, ज्योति (2019) अंग्रेज़ी और हम प्रतिमान (13). pp. 111-143.

पचौरी, सुधीश (2016) काव्य की रीति सिखी सुखबीन सों : रीतिकाल में फ़ूको विचरण (3) प्रतिमान (7). pp. 179-204.

पाण्डेय, अंकिता (2013) समकालीन भारत में नागरिकता का मानचित्र प्रतिमान, 1 (1). pp. 285-302.

पाण्डेय, राकेश (2016) भारतीय आधुनिकता और पूर्व-पक्ष की खोज : एक संवाद लेख प्रतिमान (8). pp. 39-71.

प्रेमचन्द, (1934) क्या हम वास्तव में राष्ट्रवादी हैं? डिबेट ऑनलाइन (1).

फड़िया, बाबूलाल (1981) संसदीय प्रणाली के विकल्प की खोज मूल प्रश्‍न. pp. 19-22.

बख़्शी, पूजा (2019) यौन हिंसा और भारतीय राज्य : विसंगतियों के आईने में प्रतिमान (14). pp. 251-262.

बनर्जी, प्रथमा and निगम, आदित्य and पाण्डेय, राकेश (2019) सिद्धान्त का कर्म : परम्पराओं के आर-पार चिन्तन प्रतिमान (13). pp. 144-164.

बिलोनिया, महेन्द्र सिंह (2006) जनमत निर्माण में मीडिया की भूमिका मूल प्रश्न. pp. 50-52.

बोरा, बनस्मिता (2019) बग़ावत पर सोचते हुए बाग़ी : उपलब्धियाँ, विषाद और अवसाद प्रतिमान (13). pp. 310-328.

भटनागर, रश्मि दुबे (2014) किसान क्रान्ति और उन्मुक्त फ़िलॉलॉजी : निम्‍नवर्गीय प्रसंग, सहृदय पाठक परम्परा और भाषाओं का द्वन्द्व प्रतिमान (4). pp. 592-628.

भण्डारी, पी.एन. (1997) अभिनव परिवर्तन : अवसर की चुनौतियाँ मूल प्रश्‍न. pp. 50-56.

भार्गव, नरेश (2010) माओवादी आन्दोलन : उभरते प्रश्‍न मूल प्रश्‍न. pp. 14-18.

माथुर, पी. सी. (1981) भारतीय व्यवस्था : स्वयं पुनर्निर्माण की सम्भावनाएँ मूल प्रश्न. pp. 12-15.

मिल, जॉन स्टुअर्ट (1921) ऑन लिबर्टी (अन्तिम अध्याय) डिबेट ऑनलाइन (1).

मिश्र, अनंत राम (2018) राज्य और धर्म : सूफ़ी विचारधारा और मुक्ति का सवाल प्रतिमान (11). pp. 292-306.

मीणा, ओम प्रकाश and वर्मा, सुरेन्द्र (2010) गाँधी चिन्तन और कर्मण्यता (उदारवादी एवं उग्रवादी विचारों का समन्वय) मूल प्रश्‍न. pp. 12-17.

मेनन, निवेदिता (2013) दास्तान-ए-राजनीतिशास्त्र प्रतिमान, 1 (2). pp. 517-525.

मेहता, जगत एस. (1997) स्थानीय स्वशासन और जन-भागीदारी मूल प्रश्‍न. pp. 11-13.

यादव, अनुपमा (2005) धर्मनिरपेक्षता-पुनर्विचार मूल प्रश्‍न. pp. 47-49.

यादव, राजेन्द्र (2004) स्त्री, दलित और अल्पसंख्यकों से इतनी दूर क्यों है वामपंथ? मूल प्रश्‍न. pp. 41-55.

रविकान्त, (2014) पारसी नाट्यात्मचरित्र का तारीख़ी पिटारा प्रतिमान (4). pp. 561-568.

राजन, अमिताभ (2018) भ्रष्टाचार उन्मूलन की संस्थागत राजनीति प्रतिमान (11). pp. 37-51.

रानी, कैलाश (2018) मध्यकालीन मारवाड में 'डाकण' : नारी प्रताड़ना के बदलते स्वरूप प्रतिमान. pp. 232-251.

रॉय, अरुन्धति (2004) शान्ति और कारपोरेट मुक्ति का नया धर्मशास्त्र मूल प्रश्‍न. pp. 6-14.

रॉय, अरुन्धती (2005) कितना गहरा और खोदें मूल प्रश्‍न. pp. 12-21.

लोढ़ा, संजय (2001) आतंकवाद : अर्थ और विकल्प मूल प्रश्‍न. pp. 5-8.

लोढ़ा, संजय (2001) भ्रष्टाचार: सैद्धान्तिक और व्यावहारिक विवेचन मूल प्रश्‍न. pp. 34-38.

लोढ़ा, संजय (2010) जनप्रतिनिधियों की सीरत, जनमत एवं लोकतंत्र मूल प्रश्‍न. 7 -13.

लोढ़ा, संजय (2008) भारतीय लोकतंत्र : बढ़ते क़दम मूल प्रश्‍न. pp. 25-28.

वर्मा, जगमोहन सिंह (2001) हिन्दू सामाजिक ढांचा एवं दलित मूल प्रश्‍न. pp. 17-19.

वाल्मीकि, ओमप्रकाश (2005) दलित नैतिकता बनाम वर्चस्ववादी मूल प्रश्‍न. pp. 33-36.

विजय, शिल्पा (2011) भारतीय न्यायिक व्यवस्था की घटती विश्‍वसनीयता मूल प्रश्‍न. pp. 43-47.

वोहरा, अशोक (2019) अनवरत शान्ति और धर्मयुद्ध प्रतिमान (14). pp. 103-116.

शर्मा, अम्बिकादत्त (2014) हिन्द स्वराज्य' और 'कम्युनिस्ट घोषणापत्र' : मार्क्स, गाँधी और हाइडैगर के आईने में एक पुनर्पाठ प्रतिमान, 2 (1). pp. 223-238.

शर्मा, अम्बिकादत्त (2018) भारतीय मानस का वि-औपनिवेशीकरण प्रतिमान (12). pp. 53-68.

शास्त्री, प्रकाश (1981) व्यवस्था में गतिरोध मूल प्रश्‍न. pp. 23-25.

शाह, अजीत प्रकाश (2011) न्यायिक मानक एवं जवाबदेही विधेयक मूल प्रश्‍न. pp. 18-21.

शाही, विनोद (2001) एक नये विश्‍व की ओर मूल प्रश्‍न. pp. 47-50.

शेठ, धीरूभाई and ठाकुर, मणींद्र and चौबे, कमलनयन (2013) भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम और राजनीतिक संकट : एक सैद्धान्तिक परिप्रेक्ष्य प्रतिमान, 1 (1). pp. 17-38.

श्रीमाली, कृष्ण मोहन (2017) भारत में धार्मिक पहचानों का गठन प्रतिमान (9). pp. 334-363.

सरोज, संजू (2018) हाशिए के भीतर हाशिया : उपेक्षा और बहिष्करण प्रतिमान (12). pp. 325-343.

साईनाथ, पी. (2008) निर्बलों के लिए भेदभाव मूल प्रश्‍न. pp. 29-32.

सिंह, कुँवर प्रांजल (2018) हाशियायी समाज और आदिवासी प्रश्‍न प्रतिमान (12). pp. 209-214.

सिंह, जितेन्द्र (2019) बंजारा समाज : सभ्य नागरिक से अपराधी जाति की ओर प्रतिमान (14). pp. 281-300.

सिंह, रमाशंकर (2018) लोकतंत्र का परिसर और घुमन्तू समुदाय प्रतिमान (12). pp. 344-362.

सुधीर, वेददान (2001) आतंकवाद : विश्लेषण के बिन्दु मूल प्रश्‍न. pp. 2-4.

सुधीर, वेददान (2008) अँग्रेज़ों की गुलामी हमें वापस चाहिए मूल प्रश्‍न. pp. 2-6.

सुन्दर, नन्दिनी and सव्यसाची, and बस्तर, नरेन्द्र and खाखा, अभय (2018) आदिवासी भारत : परिकल्पना, राजनीति, मुद्दे और चिन्ताएँ प्रतिमान (12). pp. 149-186.

सोहोनी, रवीन्द्र कुमार (2001) सामाजिक न्याय के सन्दर्भ में आचार्य विनोबा भावे के विचार मूल प्रश्‍न. pp. 31-33.

सौभाग्यवती, (2001) दलित व्यथा का यथार्थ मूल प्रश्‍न. pp. 53-57.

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