मूल्यांकन क्यों
दीवान, हृदय कान्त (2008) मूल्यांकन क्यों खोजबीन (3). pp. 9-13.
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Introduction
लेख बच्चों के सीखने-सिखाने की प्रक्रिया के मूल्यांकन के लिए अपनाई जाने वाली पद्धति एवं उसके उद्देश्यों को सन्दर्भित करता है। यह रेखांकित करता है कि मूल्यांकन का उद्देश्य मात्र त्रुटियाँ ढूँढ़ने की बजाय उन तथ्यों का विश्लेषण और प्रक्रियाओं को समझने की ओर होना चाहिए जिससे कि शिक्षण में सुधार लाने की विधि को खोजा जा सके। इसके ज़रिए लेखक सुझाते हैं कि यदि मूल्यांकन प्रक्रिया से सीखने में वृद्धि करनी है तो विद्यार्थी क्या नहीं जानते, इस पर ध्यान केन्द्रित करने की बजाय परीक्षण के माध्यम से यह जानने का प्रयास करना चाहिए कि बच्चे ने क्या सीखा।
Item Type: | Article |
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Discipline: | Education |
Programme: | Works of Partner Organisations > Vidya Bhawan Society > Khojbeen |
Creators(English): | Hriday kant Dewan |
Publisher: | Vidya Bhawan |
Journal or Publication Title(English): | Khojbeen |
URI: | http://anuvadasampada.azimpremjiuniversity.edu.in/id/eprint/3496 |
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Disclaimer
Translated from English to Hindi/Kannada by Translations Initiative, Azim Premji University. This academic resource is intended for non-commercial/academic/educational purposes only.
अनुवाद पहल, अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय द्वारा अँग्रेज़ी से हिन्दी में अनूदित। इस अकादमिक संसाधन का उपयोग केवल ग़ैर-व्यावसायिक, अकादमिक एवं शैक्षिक उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है।
ಅಜೀಂ ಪ್ರೇಮ್ಜಿ ವಿಶ್ವವಿದ್ಯಾಲಯದ ಅನುವಾದ ಉಪಕ್ರಮದ ವತಿಯಿಂದ ಇದನ್ನು ಇಂಗ್ಲೀಷ್ನಿಂದ ಕನ್ನಡಕ್ಕೆ ಅನುವಾದಿಸಲಾಗಿದೆ. ಈ ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಸಂಪನ್ಮೂಲವನ್ನು ವಾಣಿಜ್ಯೇತರ, ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಉದ್ದೇಶಗಳಿಗೆ ಬಳಸಬಹುದಾಗಿದೆ.