बहुभाषिता, साक्षरता, भाषा-शिक्षण एवं बौद्धिक विकास
अग्निहोत्री, रमा कान्त (2009) बहुभाषिता, साक्षरता, भाषा-शिक्षण एवं बौद्धिक विकास खोजबीन (6). pp. 32-35.
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Introduction
लेख भारतीय बहुभाषिता के आयामों को सन्दर्भित करता है और इंगित करता है कि इसे समझे बिना किसी भी साक्षरता, शिक्षा या सामाजिक परिवर्तन के कार्यक्रम को सफल नहीं बनाया जा सकता। इसके ज़रिए लेखक रेखांकित करते हैं कि जब दो या अधिक भाषाएँ मिलती हैं तो वे परस्पर समृद्ध होती हैं अत: बहुभाषिता के उपयोग से सीखने-सिखाने की प्रक्रिया अधिक प्रभावी बनाई जा सकती है। साथ ही वे सुझाते हैं कि इस प्रक्रिया को जीवन्त बनाए रखने के लिए ज़रूरी है कि ऐसी पठन सामग्री बनाई जाए, पढ़ाने के तरीक़े ढूँढे जाएँ व मूल्यांकन प्रक्रिया में ऐसे मापदण्ड बनाए जाएँ जिनका आधार बहुभाषिता हो।
Item Type: | Article |
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Discipline: | Education |
Programme: | Works of Partner Organisations > Vidya Bhawan Society > Khojbeen |
Creators(English): | Rama Kant Agnihotri |
Publisher: | Vidya Bhawan |
Journal or Publication Title(English): | Khojbeen |
URI: | http://anuvadasampada.azimpremjiuniversity.edu.in/id/eprint/3502 |
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Disclaimer
Translated from English to Hindi/Kannada by Translations Initiative, Azim Premji University. This academic resource is intended for non-commercial/academic/educational purposes only.
अनुवाद पहल, अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय द्वारा अँग्रेज़ी से हिन्दी में अनूदित। इस अकादमिक संसाधन का उपयोग केवल ग़ैर-व्यावसायिक, अकादमिक एवं शैक्षिक उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है।
ಅಜೀಂ ಪ್ರೇಮ್ಜಿ ವಿಶ್ವವಿದ್ಯಾಲಯದ ಅನುವಾದ ಉಪಕ್ರಮದ ವತಿಯಿಂದ ಇದನ್ನು ಇಂಗ್ಲೀಷ್ನಿಂದ ಕನ್ನಡಕ್ಕೆ ಅನುವಾದಿಸಲಾಗಿದೆ. ಈ ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಸಂಪನ್ಮೂಲವನ್ನು ವಾಣಿಜ್ಯೇತರ, ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಉದ್ದೇಶಗಳಿಗೆ ಬಳಸಬಹುದಾಗಿದೆ.