भेजे में भाषा का उपकरण? मामला संगीन है
जयसील्वन, ए.के. (2009) भेजे में भाषा का उपकरण? मामला संगीन है खोजबीन (6). pp. 26-31.
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Introduction
लेख विद्या भवन सोसायटी द्वारा अप्रैल 2004 में आयोजित ‘ज्ञान का निर्माण’ सेमीनार में लेखक द्वारा दिए गए वक्तव्य को प्रस्तुत करता है। अपने वक्तव्य में वक्ता मानव भाषा की प्रकृति से सम्बन्धित चौम्स्की के भाषा वैज्ञानिक विचारों की पृष्ठभूमि को सन्दर्भित करते हैं और भाषा अर्जन यंत्र के काम करने की प्रक्रिया को विस्तार से समझाते हैं। साथ ही वे यह भी रेखांकित करते हैं कि भाषा सीखने के लिए मानव मस्तिष्क की भूमिका और सार्वभौमिक व्याकरण की महत्ता को नज़रअन्दाज़ नहीं किया जा सकता है और बच्चों के भाषा सीखने के लिए उन्हें अनुकूल माहौल और सार्थक संवाद के भरपूर मौक़े देना बेहद ज़रूरी है।
Item Type: | Article |
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Discipline: | Education |
Programme: | Works of Partner Organisations > Vidya Bhawan Society > Khojbeen |
Creators(English): | A.K. Jayasilvan |
Publisher: | Vidya Bhawan |
Journal or Publication Title(English): | Khojbeen |
URI: | http://anuvadasampada.azimpremjiuniversity.edu.in/id/eprint/3504 |
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Disclaimer
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अनुवाद पहल, अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय द्वारा अँग्रेज़ी से हिन्दी में अनूदित। इस अकादमिक संसाधन का उपयोग केवल ग़ैर-व्यावसायिक, अकादमिक एवं शैक्षिक उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है।
ಅಜೀಂ ಪ್ರೇಮ್ಜಿ ವಿಶ್ವವಿದ್ಯಾಲಯದ ಅನುವಾದ ಉಪಕ್ರಮದ ವತಿಯಿಂದ ಇದನ್ನು ಇಂಗ್ಲೀಷ್ನಿಂದ ಕನ್ನಡಕ್ಕೆ ಅನುವಾದಿಸಲಾಗಿದೆ. ಈ ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಸಂಪನ್ಮೂಲವನ್ನು ವಾಣಿಜ್ಯೇತರ, ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಉದ್ದೇಶಗಳಿಗೆ ಬಳಸಬಹುದಾಗಿದೆ.