Advanced Search
Welcome to Anuvada Sampada Repository

आदिवासी भारत : परिकल्पना, राजनीति, मुद्दे और चिन्ताएँ

सुन्दर, नन्दिनी and सव्यसाची, and बस्तर, नरेन्द्र and खाखा, अभय (2018) आदिवासी भारत : परिकल्पना, राजनीति, मुद्दे और चिन्ताएँ प्रतिमान (12). pp. 149-186.

[img] Fulltext Document
आदिवासी भारत परिकल्पना, राजनीति, मुद्दे और चिन्ताएँ.pdf

Download (995kB)

Introduction

यह भारत के आदिवासियों पर चार विद्वानों के बीच हुए परिसंवाद की लिखित प्रस्तुति है। यह पाँच भागों में है। पहला व दूसरा भाग आदिवासियत की पहचान तथा आदिवासी व गै़र-आदिवासी की समझ व इनके प्रतिनिधित्व के वर्तमान स्वरूपों व स्थितियों का विश्लेषण प्रस्तुत करता है। तीसरा भाग विभिन्‍न चरित्र के संगठनों व सरकारी हस्तक्षेपों का आदिवासियों पर पड़ने वाले प्रभावों की व्याख्या करता है। चौथा भाग विकास के विभिन्‍न मॉडलों की नियति, चरित्र व प्रभाव को प्रकट करता है। पाँचवाँ भाग आदिवासियों के अध्ययन की स्थितियों को सामने लाता है। कानून, संविधान, सैन्यीकरण व तथाकथित मुख्यधारा के लोगों द्वारा तैयार किए गए विकास के मॉडलों ने आदिवासी समाज में जो गम्भीर व दुरूह जटिलताएँ पैदा की हैं, यह परिसंवाद उन सभी की गहराई से शिनाख़्त करता है।

Item Type: Article
Discipline: Development Studies
Political Science
Programme: Works of Partner Organisations > Centre for the Study of Developing Societies > Pratimaan
Creators(English): Nandini Sundar, Savyasachi, Narendra Bastar, Abhay Khakha
Publisher: CSDS, Delhi
Journal or Publication Title(English): Pratimaan
URI: http://anuvadasampada.azimpremjiuniversity.edu.in/id/eprint/3567
.
Edit Item Edit Item

Disclaimer

Translated from English to Hindi/Kannada by Translations Initiative, Azim Premji University. This academic resource is intended for non-commercial/academic/educational purposes only.

अनुवाद पहल, अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय द्वारा अँग्रेज़ी से हिन्दी में अनूदित। इस अकादमिक संसाधन का उपयोग केवल ग़ैर-व्यावसायिक, अकादमिक एवं शैक्षिक उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है।

ಅಜೀಂ ಪ್ರೇಮ್‍ಜಿ ವಿಶ್ವವಿದ್ಯಾಲಯದ ಅನುವಾದ ಉಪಕ್ರಮದ ವತಿಯಿಂದ ಇದನ್ನು ಇಂಗ್ಲೀಷ್‍ನಿಂದ ಕನ್ನಡಕ್ಕೆ ಅನುವಾದಿಸಲಾಗಿದೆ. ಈ ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಸಂಪನ್ಮೂಲವನ್ನು ವಾಣಿಜ್ಯೇತರ, ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಉದ್ದೇಶಗಳಿಗೆ ಬಳಸಬಹುದಾಗಿದೆ.