चुप्पियाँ और दरारें : मुसलमान स्त्रियों की आत्मकथाएँ
श्रीवास्तव, गरिमा (2019) चुप्पियाँ और दरारें : मुसलमान स्त्रियों की आत्मकथाएँ प्रतिमान (14). pp. 201-249.
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Introduction
प्रस्तुत लेख मुसलमान स्त्रियों की आत्मकथाओं के माध्यम से दक्षिण एशिया विशेषकर भारत के साम्प्रदायिक संघर्षों को समझने की कोशिश करता है। समकालीन स्त्रीवादी नज़रिए से लेखिका इन आत्मकथाओं में व्यक्त पर्दा प्रथा का दबाव, दूसरों पर निर्भर होने की पीड़ा, प्रेमाभिव्यक्ति के ख़तरे और पितृसत्ता एवं धर्म-कानून की जकड़ से निकलने की छटपटाहट, शिक्षा प्राप्त करने के मार्ग में आने वाली कठिनाइयाँ, बहुपत्नी प्रथा, यौन-शिक्षा का अभाव, यौनिकता की अभिव्यक्ति जैसे विषयों को देखती हैं। रचनात्मक लेखक के माध्यम से अतीत के समाज को पढ़ने के ख़तरे को उठाते हुए लेख कई बार सरलीकरण का शिकार भी होता है।
Item Type: | Article |
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Discipline: | Development Studies Sociology |
Programme: | Works of Partner Organisations > Centre for the Study of Developing Societies > Pratimaan |
Creators(English): | Garima Srivastava |
Publisher: | CSDS, Delhi |
Journal or Publication Title(English): | Pratimaan |
URI: | http://anuvadasampada.azimpremjiuniversity.edu.in/id/eprint/3705 |
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Disclaimer
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