घटती ग़रीबी, बढ़ती तकलीफ़ें : ग़रीबों के जीवन का एक समाजशास्त्रीय चित्र
विजय, देवेश (2018) घटती ग़रीबी, बढ़ती तकलीफ़ें : ग़रीबों के जीवन का एक समाजशास्त्रीय चित्र प्रतिमान (11). pp. 52-73.
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Introduction
यह लेख ग़रीबी पर एक समाजशास्त्रीय अध्ययन को पेश करता है। यह एक बस्ती और एक गाँव में 25 वर्ष के कालखण्ड में होने वाले बदलावों के चरित्र की जाँच-पड़ताल करता है। विकास के क्रम में माली हालत में आए सुधारों के साथ इस दौरान पैदा हुई विकराल समस्याओं का विवरण प्रस्तुत करता है। विकास और ग़रीबी पर विमर्श के मानकों का विश्लेषण करने के साथ उन पहलुओं को रेखांकित करता है जिन्हें इन विमर्शों में नज़रअन्दाज़ कर दिया गया है। अन्त में यह लेख भारत के विकास-चिन्तन की समझ पर रोशनी डालता है।
Item Type: | Article |
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Discipline: | Economics Development Studies Sociology |
Programme: | Works of Partner Organisations > Centre for the Study of Developing Societies > Pratimaan |
Creators(English): | Devesh Vijay |
Publisher: | CSDS, Delhi |
Journal or Publication Title(English): | Pratimaan |
URI: | http://anuvadasampada.azimpremjiuniversity.edu.in/id/eprint/3789 |
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