पाठशाला भीतर और बाहर, फरवरी 2020
सम्पादक, (2020) पाठशाला भीतर और बाहर, फरवरी 2020 पाठशाला भीतर और बाहर, 4. pp. 1-172.
Fulltext Document
पाठशाला भीतर और बाहर अंक 4 , फरवरी 2020.pdf Available under License Creative Commons Attribution Non-commercial Share Alike. Download (4MB) |
Introduction
पाठशाला भीतर और बाहर के इस अंक में एक लेख देश में महिला शिक्षा की पड़ताल करता है। एक अन्य लेख बचपन के अर्थ पर सवाल उठाता है और पूछता है कि क्या शिक्षा का एक मात्र उद्देश्य एक आदर्श बच्चे का विकास करना है; एक और लेख शारीरिक दण्ड के सदियों पुराने सवाल की समाजशास्त्रीय पड़ताल करता है और एक दूसरे लेख का पहला भाग भारतीय शिक्षा पर मैकाले के प्रभाव की जाँच करता है। दो अनुभव आधारित लेख कविता-कहानियों के माध्यम से भाषा शिक्षण के रुचिकर तरीक़े सुझाते हैं। संवाद में शिक्षकों व शिक्षक-प्रशिक्षकों के साथ मूल्यांकन और परीक्षा के विभिन्न पहलुओं पर बातचीत है। कुछ लेख शिक्षा से जुड़ी नीतियों और इनके अमल में आने वाले मुद्दों की आलोचनात्मक पड़ताल करते हैं।
Item Type: | Periodicals |
---|---|
Discipline: | Education |
Programme: | University Publications > Pathshala Bheetar Aur Baahar |
Creators(English): | Editor |
Publisher: | Azim Premji University |
Journal or Publication Title(English): | Paathshala Bheetar aur Bahar |
URI: | http://anuvadasampada.azimpremjiuniversity.edu.in/id/eprint/4130 |
Edit Item |
Disclaimer
Translated from English to Hindi/Kannada by Translations Initiative, Azim Premji University. This academic resource is intended for non-commercial/academic/educational purposes only.
अनुवाद पहल, अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय द्वारा अँग्रेज़ी से हिन्दी में अनूदित। इस अकादमिक संसाधन का उपयोग केवल ग़ैर-व्यावसायिक, अकादमिक एवं शैक्षिक उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है।
ಅಜೀಂ ಪ್ರೇಮ್ಜಿ ವಿಶ್ವವಿದ್ಯಾಲಯದ ಅನುವಾದ ಉಪಕ್ರಮದ ವತಿಯಿಂದ ಇದನ್ನು ಇಂಗ್ಲೀಷ್ನಿಂದ ಕನ್ನಡಕ್ಕೆ ಅನುವಾದಿಸಲಾಗಿದೆ. ಈ ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಸಂಪನ್ಮೂಲವನ್ನು ವಾಣಿಜ್ಯೇತರ, ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಉದ್ದೇಶಗಳಿಗೆ ಬಳಸಬಹುದಾಗಿದೆ.