तौबा ये मतवाली चाल
इंगले, मुकेश (2000) तौबा ये मतवाली चाल संदर्भ (33). pp. 44-57.
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Introduction
प्रस्तुत लेख में साँपों के शरीर की बनावट पर चर्चा के द्वारा उनकी चाल-ढाल को समझाने का प्रयास किया है। साँपों के पैर नहीं होते, लेकिन इस कमी के बावजूद वे बिना किसी ख़ास परेशानी के चल लेते हैं और ज़रूरत पड़ने पर अपनी गति को और अधिक तेज़ भी कर सकते हैं। लेख के अनुसार, आमतौर पर साँप चलने के लिए चार तरीक़ों: सर्पण, कन्सर्टना, सरल रेखीय और पार्श्व कुण्डलन गति, का इस्तेमाल करते हैं। इनमें से वे कौन-सा तरीक़ा अपनाएँगे, या कोई दो तरीक़ों का मिश्रण अपनाएँगे यह उनके आस-पास के वातावरण की प्रकृति पर निर्भर करता है।
Item Type: | Article |
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Discipline: | Education |
Programme: | Works of Partner Organisations > Eklavya Foundation > Sandarbh |
Creators(English): | Mukesh Ingale |
Publisher: | Eklavya Foundation |
Journal or Publication Title(English): | Sandarbh |
URI: | http://anuvadasampada.azimpremjiuniversity.edu.in/id/eprint/970 |
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Disclaimer
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ಅಜೀಂ ಪ್ರೇಮ್ಜಿ ವಿಶ್ವವಿದ್ಯಾಲಯದ ಅನುವಾದ ಉಪಕ್ರಮದ ವತಿಯಿಂದ ಇದನ್ನು ಇಂಗ್ಲೀಷ್ನಿಂದ ಕನ್ನಡಕ್ಕೆ ಅನುವಾದಿಸಲಾಗಿದೆ. ಈ ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಸಂಪನ್ಮೂಲವನ್ನು ವಾಣಿಜ್ಯೇತರ, ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಉದ್ದೇಶಗಳಿಗೆ ಬಳಸಬಹುದಾಗಿದೆ.