वे दौड़ते-दौड़ते उड़ने लगे
गुप्ते, अरविन्द (2000) वे दौड़ते-दौड़ते उड़ने लगे संदर्भ (34). pp. 27-37.
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Introduction
प्रस्तुत लेख में पक्षियों के विकास के बारे में बताया गया है। लेखक बताते हैं जैव-विकास के फलस्वरूप पक्षियों में इस प्रकार की शारीरिक ख़ूबियों का विकास हुआ जिसके फलस्वरूप वे उड़ने में सक्षम हो पाए। लेख में इस बात का वर्णन किया है कि अलग-अलग स्थानों पर पाए जाने वाले जीवाश्मों के आधार पर जीवाश्म वैज्ञानिक इस नतीजे पर पहुँच पाए कि इतनी सारी खूबियों से लैस पक्षियों का विकास ज़मीन पर रेंगने वाले सरीसृप (रेप्टीलिया) वर्ग के जन्तुओं से हुआ है। सरीसृपों से डायनोसोर विकसित हुए और कालान्तर में इनसे पक्षियों का विकास हुआ।
Item Type: | Article |
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Discipline: | Education |
Programme: | Works of Partner Organisations > Eklavya Foundation > Sandarbh |
Creators(English): | Arvind Gupte |
Publisher: | Eklavya Foundation |
Journal or Publication Title(English): | Sandarbh |
URI: | http://anuvadasampada.azimpremjiuniversity.edu.in/id/eprint/971 |
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Disclaimer
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ಅಜೀಂ ಪ್ರೇಮ್ಜಿ ವಿಶ್ವವಿದ್ಯಾಲಯದ ಅನುವಾದ ಉಪಕ್ರಮದ ವತಿಯಿಂದ ಇದನ್ನು ಇಂಗ್ಲೀಷ್ನಿಂದ ಕನ್ನಡಕ್ಕೆ ಅನುವಾದಿಸಲಾಗಿದೆ. ಈ ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಸಂಪನ್ಮೂಲವನ್ನು ವಾಣಿಜ್ಯೇತರ, ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಉದ್ದೇಶಗಳಿಗೆ ಬಳಸಬಹುದಾಗಿದೆ.