हमारे बीच जाले बुनती और शिकार करती मकड़ियाँ
कपूर, वीणा and उमा, दिव्या (2021) हमारे बीच जाले बुनती और शिकार करती मकड़ियाँ संदर्भ (133). 5 -12.
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Introduction
यदि आप ध्यान से देखेंगे तो आपको हर जगह मकड़ियाँ मिलेंगी - घरों के पर्दों के पीछे, आपकी स्कूल की दीवारों पर, एस्बेस्टस की चद्दरों पर, पेड़ों की छालों पर, पत्तों के नीचे और बीच में, छत के कोनों में और यहाँ-वहाँ फुदकती हुईं। इस लेख में मकड़ियों की आकर्षक और अनोखी दुनिया की झलक पेश की गई है जिसका अवलोकन कर काफ़ी कुछ सीखा जा सकता है। मकड़ियों को जन्तुओं के एक बड़े समूह आर्थोपोडा में वर्गीकृत किया गया है। इनकी प्रजातियों में बहुत विविधता दिखाई देती है और ये मकड़ियाँ विश्व के लगभग हर कोने में पाई जाती हैं। इस लेख में मकड़ियों की दिलचस्प दुनिया को विस्तार से समझाया गया है।
Item Type: | Article |
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Discipline: | Education |
Programme: | Works of Partner Organisations > Eklavya Foundation > Sandarbh |
Creators(English): | Veena Kapoor and Divya Uma |
Publisher: | Eklavya Foundation |
Journal or Publication Title(English): | Sandarbh |
URI: | http://anuvadasampada.azimpremjiuniversity.edu.in/id/eprint/1334 |
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Disclaimer
Translated from English to Hindi/Kannada by Translations Initiative, Azim Premji University. This academic resource is intended for non-commercial/academic/educational purposes only.
अनुवाद पहल, अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय द्वारा अँग्रेज़ी से हिन्दी में अनूदित। इस अकादमिक संसाधन का उपयोग केवल ग़ैर-व्यावसायिक, अकादमिक एवं शैक्षिक उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है।
ಅಜೀಂ ಪ್ರೇಮ್ಜಿ ವಿಶ್ವವಿದ್ಯಾಲಯದ ಅನುವಾದ ಉಪಕ್ರಮದ ವತಿಯಿಂದ ಇದನ್ನು ಇಂಗ್ಲೀಷ್ನಿಂದ ಕನ್ನಡಕ್ಕೆ ಅನುವಾದಿಸಲಾಗಿದೆ. ಈ ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಸಂಪನ್ಮೂಲವನ್ನು ವಾಣಿಜ್ಯೇತರ, ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಉದ್ದೇಶಗಳಿಗೆ ಬಳಸಬಹುದಾಗಿದೆ.