बच्चे, कहानियाँ और बातचीत
तिवारी, अलका (2021) बच्चे, कहानियाँ और बातचीत पाठशाला भीतर और बाहर, 8. pp. 44-57.
Fulltext Document
बच्चे, कहानियाँ और बातचीत.pdf Download (330kB) |
Introduction
कहानियों पर बातचीत करते हुए उनकी बारीक़ परतों को खोलने और कहानियों पर बच्चों की प्रतिक्रिया खँगालने की कोशिशों का ब्योरा इस लेख में है। कथा साहित्य के ज़रिए नैतिक शिक्षण पुरानी परिपाटी रही है। वाचिक परम्परा में पंचतंत्र, हितोपदेश और जातक कथाओं में इसके संकेत मिलते हैं। लिखित बाल साहित्य में इसकी पुरज़ोर वकालत की जाती रही है। हालिया विमर्श है कि बाल साहित्य को नैतिक शिक्षण का जबरिया ज़रिया बनाना,साहित्य का पाठक बनने और साहित्य रस बोध की राह में बाधा तो नहीं। यह कहानियों पर विश्लेषणात्मक चर्चा करते हुए बच्चों की समझ बनने की प्रक्रिया में स्वतः निहित है।
Item Type: | Article |
---|---|
Discipline: | Education |
Programme: | University Publications > Pathshala Bheetar Aur Baahar |
Creators(English): | Alka Tiwari |
Publisher: | Azim Premji University |
Journal or Publication Title(English): | Paathshala Bheetar aur Bahar |
URI: | http://anuvadasampada.azimpremjiuniversity.edu.in/id/eprint/2221 |
Edit Item |
Disclaimer
Translated from English to Hindi/Kannada by Translations Initiative, Azim Premji University. This academic resource is intended for non-commercial/academic/educational purposes only.
अनुवाद पहल, अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय द्वारा अँग्रेज़ी से हिन्दी में अनूदित। इस अकादमिक संसाधन का उपयोग केवल ग़ैर-व्यावसायिक, अकादमिक एवं शैक्षिक उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है।
ಅಜೀಂ ಪ್ರೇಮ್ಜಿ ವಿಶ್ವವಿದ್ಯಾಲಯದ ಅನುವಾದ ಉಪಕ್ರಮದ ವತಿಯಿಂದ ಇದನ್ನು ಇಂಗ್ಲೀಷ್ನಿಂದ ಕನ್ನಡಕ್ಕೆ ಅನುವಾದಿಸಲಾಗಿದೆ. ಈ ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಸಂಪನ್ಮೂಲವನ್ನು ವಾಣಿಜ್ಯೇತರ, ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಉದ್ದೇಶಗಳಿಗೆ ಬಳಸಬಹುದಾಗಿದೆ.