जाति के बारे में बच्चों का नज़रिया
मिश्र, ऋषभ कुमार (2022) जाति के बारे में बच्चों का नज़रिया पाठशाला भीतर और बाहर, 12. pp. 7-12.
Fulltext Document
जाति के बारे में बच्चों का नज़रिया.pdf Download (336kB) |
Introduction
इस लेख में 12 से 15 वर्ष के बच्चों से जाति के मुद्दे पर हुई बातचीत को प्रस्तुत किया गया है। इस बातचीत के आधार पर लेखक बताते हैं कि शिक्षा द्वारा जातिगत भेदभाव को बढ़ावा देने वाले विभिन्न व्यवहार और समझ कैसे पुनरुत्पादित होती जाती है। वे बताते हैं कि वयस्क और शिक्षक इन बातों को जाने-अनजाने पोषित ही करते हैं, और यह भी कि स्कूल का एक महत्त्वपूर्ण उद्देश्य यह है कि वे शिक्षा को समावेशी बनाएँ और विद्यार्थियों को चिन्तनशील व तार्किक, लेकिन स्कूल ऐसा कर पाने में सक्षम नहीं हो पा रहे हैं।
Item Type: | Article |
---|---|
Discipline: | Education |
Programme: | University Publications > Pathshala Bheetar Aur Baahar |
Creators(English): | Rishabh Kumar Mishra |
Publisher: | Azim Premji University |
Journal or Publication Title(English): | Paathshala Bheetar aur Bahar |
URI: | http://anuvadasampada.azimpremjiuniversity.edu.in/id/eprint/2287 |
Edit Item |
Disclaimer
Translated from English to Hindi/Kannada by Translations Initiative, Azim Premji University. This academic resource is intended for non-commercial/academic/educational purposes only.
अनुवाद पहल, अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय द्वारा अँग्रेज़ी से हिन्दी में अनूदित। इस अकादमिक संसाधन का उपयोग केवल ग़ैर-व्यावसायिक, अकादमिक एवं शैक्षिक उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है।
ಅಜೀಂ ಪ್ರೇಮ್ಜಿ ವಿಶ್ವವಿದ್ಯಾಲಯದ ಅನುವಾದ ಉಪಕ್ರಮದ ವತಿಯಿಂದ ಇದನ್ನು ಇಂಗ್ಲೀಷ್ನಿಂದ ಕನ್ನಡಕ್ಕೆ ಅನುವಾದಿಸಲಾಗಿದೆ. ಈ ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಸಂಪನ್ಮೂಲವನ್ನು ವಾಣಿಜ್ಯೇತರ, ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಉದ್ದೇಶಗಳಿಗೆ ಬಳಸಬಹುದಾಗಿದೆ.