बहस से निकले निष्कर्ष
दुबे, राजेन्द्र (1995) बहस से निकले निष्कर्ष संदर्भ (3). pp. 4-5.
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Introduction
बच्चे अपने परिवेश के बारे में बहुत कुछ जानते हैं और वे अपने अनुभव, प्रश्न और ज्ञान को अपनी कक्षा में भी लाते रहते हैं। एक शिक्षक को बस इसके बारे में थोड़ा सम्वेदनशील होने की ज़रूरत है। मध्य विद्यालय के विज्ञान शिक्षक राजेन्द्र दूबे ने अपनी कक्षा में एक लोकतांत्रिक स्थान उपलब्ध करवाने का अपना अनुभव साझा किया। जानवरों के भोजन जैसे एक बहुत ही सरल मुद्दे पर बहस कैसे गरमागरम चर्चा का विषय बन जाती है और सहयोगी अधिगम स्थान में आकस्मिक संघर्षों को कैसे हल किया जाता है, इस विषय पर लेख में चर्चा की गई है।
Item Type: | Article |
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Discipline: | Education |
Programme: | Works of Partner Organisations > Eklavya Foundation > Sandarbh |
Creators(English): | Rajendra Dubey |
Publisher: | Eklavya Foundation |
Journal or Publication Title(English): | Sandarbh |
URI: | http://anuvadasampada.azimpremjiuniversity.edu.in/id/eprint/2646 |
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Disclaimer
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अनुवाद पहल, अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय द्वारा अँग्रेज़ी से हिन्दी में अनूदित। इस अकादमिक संसाधन का उपयोग केवल ग़ैर-व्यावसायिक, अकादमिक एवं शैक्षिक उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है।
ಅಜೀಂ ಪ್ರೇಮ್ಜಿ ವಿಶ್ವವಿದ್ಯಾಲಯದ ಅನುವಾದ ಉಪಕ್ರಮದ ವತಿಯಿಂದ ಇದನ್ನು ಇಂಗ್ಲೀಷ್ನಿಂದ ಕನ್ನಡಕ್ಕೆ ಅನುವಾದಿಸಲಾಗಿದೆ. ಈ ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಸಂಪನ್ಮೂಲವನ್ನು ವಾಣಿಜ್ಯೇತರ, ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಉದ್ದೇಶಗಳಿಗೆ ಬಳಸಬಹುದಾಗಿದೆ.