एक पादरी जिसने आनुवंशिकता के नियम खोजे
स्रोत, फ़ीचर सर्विस (1998) एक पादरी जिसने आनुवंशिकता के नियम खोजे संदर्भ (21). pp. 47-55.
Fulltext Document
एक पादरी जिसने आनुवंशिकता के नियम खोजे.pdf Download (452kB) |
Introduction
पेड़-पौधों में पाए जाने वाले फूल, बीज पीड़ी दर पीड़ी अपना आकार व रंग बदलते है। ग्रेगर मेंडल से पहले किसी को समझ नहीं थी कि यह बदलाव किस सिद्धांत से होता हैं। मटर पर शोध करते हुए, उन्होंने बताया कि मटर के विभिन्न गुण - जैसे फूल का रंग, बीज का आकार आदि - संयोग से नहीं, बल्कि स्पष्ट गणितीय नियमों से अगली पीढ़ियों में प्रसारित होते हैं। मेंडल के इन नियमों का एक बड़ा योगदान यह भी है कि इससे डार्विन के विकास के सिद्धांत को एक वैज्ञानिक आधार मिला था। इस लेख में प्रागण के अलग-अलग तरीकों को दर्शाकर घटकों का प्रभावी या अप्रभावी होना दर्शाया गया है।
Item Type: | Article |
---|---|
Discipline: | Education |
Programme: | Works of Partner Organisations > Eklavya Foundation > Sandarbh |
Creators(English): | Feature service, Srot |
Publisher: | Eklavya Foundation |
Journal or Publication Title(English): | Sandarbh |
URI: | http://anuvadasampada.azimpremjiuniversity.edu.in/id/eprint/2657 |
Edit Item |
Disclaimer
Translated from English to Hindi/Kannada by Translations Initiative, Azim Premji University. This academic resource is intended for non-commercial/academic/educational purposes only.
अनुवाद पहल, अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय द्वारा अँग्रेज़ी से हिन्दी में अनूदित। इस अकादमिक संसाधन का उपयोग केवल ग़ैर-व्यावसायिक, अकादमिक एवं शैक्षिक उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है।
ಅಜೀಂ ಪ್ರೇಮ್ಜಿ ವಿಶ್ವವಿದ್ಯಾಲಯದ ಅನುವಾದ ಉಪಕ್ರಮದ ವತಿಯಿಂದ ಇದನ್ನು ಇಂಗ್ಲೀಷ್ನಿಂದ ಕನ್ನಡಕ್ಕೆ ಅನುವಾದಿಸಲಾಗಿದೆ. ಈ ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಸಂಪನ್ಮೂಲವನ್ನು ವಾಣಿಜ್ಯೇತರ, ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಉದ್ದೇಶಗಳಿಗೆ ಬಳಸಬಹುದಾಗಿದೆ.