आधुनिकता का लबादा: प्रभुत्व एवं प्रतिरोध का द्वन्द्वात्मक विमर्श
अनिवेद, शिवनारायण सिंह (2001) आधुनिकता का लबादा: प्रभुत्व एवं प्रतिरोध का द्वन्द्वात्मक विमर्श मूल प्रश्न. pp. 27-33.
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Introduction
‘भ्रान्त आधुनिकता’ और ‘भारतनामा’ शीर्षक दो पुस्तकों की समीक्षा करते हुए यह लेख भारत के सामाजिक, राजनैतिक, आर्थिक तथा सांस्कृतिक परिवर्तनों पर चर्चा करता है। उपनिवेश रह चुके भारत जैसे देशों में पूंजी का अभाव उनके सामाजिक ढांचे को प्रभावित करता है और उनकी आधुनिकता का स्वरूप भी निर्धारित करता है। लेखक का मानना है कि भारत बहुल आधुनिकताओं वाला देश है जहाँ एक ही साथ आधुनिक राजनैतिक-आर्थिक व्यवस्था भी मौजूद है और उत्तर-सामन्ती संस्कृति भी।
Item Type: | Article |
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Discipline: | Development Studies Political Science |
Programme: | Works of Partner Organisations > Moolprashna > Moolprashna |
Creators(English): | Shivnarayan Singh Anived |
Publisher: | Mool Prashna |
Journal or Publication Title(English): | Mool Prashna |
URI: | http://anuvadasampada.azimpremjiuniversity.edu.in/id/eprint/3159 |
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Disclaimer
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ಅಜೀಂ ಪ್ರೇಮ್ಜಿ ವಿಶ್ವವಿದ್ಯಾಲಯದ ಅನುವಾದ ಉಪಕ್ರಮದ ವತಿಯಿಂದ ಇದನ್ನು ಇಂಗ್ಲೀಷ್ನಿಂದ ಕನ್ನಡಕ್ಕೆ ಅನುವಾದಿಸಲಾಗಿದೆ. ಈ ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಸಂಪನ್ಮೂಲವನ್ನು ವಾಣಿಜ್ಯೇತರ, ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಉದ್ದೇಶಗಳಿಗೆ ಬಳಸಬಹುದಾಗಿದೆ.