गूलर के फूल क्यों नहीं दिखते
दुबे, भोलेश्वर and पंवार, किशोर (1995) गूलर के फूल क्यों नहीं दिखते संदर्भ (4). pp. 6-10.
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Introduction
गूलर के फूल, फल और पुष्पक्रम तीनों ही विशिष्ट हैं जो इसे रहस्यमयी बनाते हैं, इसीलिए जन सामान्य में ये भ्रम फैले हैं कि इसके फूल नहीं होते; किन्तु वनस्पति विज्ञान की दृष्टि से गूलर के फूल होते हैं - एक दो नहीं हज़ारों, अलग-अलग नहीं ढेर सारे एक साथ, पूर्ण नहीं अपूर्ण (क्योंकि इनमें अंखुड़ी और पंखुड़ी नहीं होती) और नर व मादा फूल अलग-अलग। इसकी एक और विशेषता है इसके पुष्पक्रमों के लगने का तरीक़ा। गूलर के फल टहनियों पर गांठ की तरह लगते हैं यानी ये पुष्पक्रम मोटे-मोटे तनों पर सीधे गुच्छों की शक्ल में लगते हैं। इसकी इस विशेषता को वनस्पतिशास्त्री कॉलीफ्लोरी कहते हैं।
Item Type: | Article |
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Discipline: | Education |
Programme: | Works of Partner Organisations > Eklavya Foundation > Sandarbh |
Creators(English): | Bholeshwar Dubey and Kishor Panwar |
Publisher: | Eklavya Foundation |
Journal or Publication Title(English): | Sandarbh |
URI: | http://anuvadasampada.azimpremjiuniversity.edu.in/id/eprint/951 |
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Disclaimer
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ಅಜೀಂ ಪ್ರೇಮ್ಜಿ ವಿಶ್ವವಿದ್ಯಾಲಯದ ಅನುವಾದ ಉಪಕ್ರಮದ ವತಿಯಿಂದ ಇದನ್ನು ಇಂಗ್ಲೀಷ್ನಿಂದ ಕನ್ನಡಕ್ಕೆ ಅನುವಾದಿಸಲಾಗಿದೆ. ಈ ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಸಂಪನ್ಮೂಲವನ್ನು ವಾಣಿಜ್ಯೇತರ, ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಉದ್ದೇಶಗಳಿಗೆ ಬಳಸಬಹುದಾಗಿದೆ.