विषाणु : उधार की ज़िन्दगी या फिर जैव-विकास के अनोखे खिलाड़ी
खांबेटे, चेतना (2020) विषाणु : उधार की ज़िन्दगी या फिर जैव-विकास के अनोखे खिलाड़ी संदर्भ (129). 7 -20.
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Introduction
आम तौर पर हम वायरस के बारे में ज़्यादा सोच-विचार नहीं करते। लेकिन इस बार कोविड-19 जो कोरोना नाम से ज़्यादा जाना जाता है – ने वायरस के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया है। कहने को वायरस अपने आप प्रजनन नहीं कर सकता किन्तु जब यह एक अतिसम्वेदनशील कोशिका को संक्रमित करता है तो उस कोशिका को अधिक वायरस उत्पन्न करने के लिए निर्देशित कर सकता है। मुख्य रूप से, वायरस संसर्ग प्रभाव के कारण प्रतिष्ठित है। बीमारी और मृत्यु की व्यापक घटनाओं में इस तरह की प्रतिष्ठा पर कोई सन्देह नहीं है। हालाँकि, वायरस निश्चित रूप से वैज्ञानिकों और चिकित्सा पेशेवरों के लिए शत्रु हैं, परन्तु ये कई शोधकार्य में महत्त्वपूर्ण रहे हैं जैसे प्रोटीन संश्लेषण, बुनियादी सेल्युलर प्रक्रियाओं की समझ इत्यादि को समझने में।
Item Type: | Article |
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Discipline: | Education |
Programme: | Works of Partner Organisations > Eklavya Foundation > Sandarbh |
Creators(English): | Chetana Khambete |
Publisher: | Eklavya Foundation |
Journal or Publication Title(English): | Sandarbh |
URI: | http://anuvadasampada.azimpremjiuniversity.edu.in/id/eprint/1207 |
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Disclaimer
Translated from English to Hindi/Kannada by Translations Initiative, Azim Premji University. This academic resource is intended for non-commercial/academic/educational purposes only.
अनुवाद पहल, अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय द्वारा अँग्रेज़ी से हिन्दी में अनूदित। इस अकादमिक संसाधन का उपयोग केवल ग़ैर-व्यावसायिक, अकादमिक एवं शैक्षिक उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है।
ಅಜೀಂ ಪ್ರೇಮ್ಜಿ ವಿಶ್ವವಿದ್ಯಾಲಯದ ಅನುವಾದ ಉಪಕ್ರಮದ ವತಿಯಿಂದ ಇದನ್ನು ಇಂಗ್ಲೀಷ್ನಿಂದ ಕನ್ನಡಕ್ಕೆ ಅನುವಾದಿಸಲಾಗಿದೆ. ಈ ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಸಂಪನ್ಮೂಲವನ್ನು ವಾಣಿಜ್ಯೇತರ, ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಉದ್ದೇಶಗಳಿಗೆ ಬಳಸಬಹುದಾಗಿದೆ.