समकालीन भारत में नागरिकता का मानचित्र
पाण्डेय, अंकिता (2013) समकालीन भारत में नागरिकता का मानचित्र प्रतिमान, 1 (1). pp. 285-302.
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Introduction
समकालीन भारत में नागरिकता का मानचित्र निबन्ध में नवीनता का कोई दावा किए बग़ैर लेखिका ने पाठकों का ध्यान ‘नागरिकता’ और नागरिकों के बीच ‘वैध नागरिक गतिविधि’ को लेकर संघर्ष जैसे मुद्दों पर आकर्षित किया है। लेखिका के दृष्टिकोण में दोनों राजनीति के अध्ययन के लिए महत्त्वपूर्ण हैं। उनका मानना है कि नागरिकता को एक हैसियत न मानकर, एक व्यवहार या आचरण के रूप में समझना ज़रूरी है। साथ ही, आज राज्य और नागरिकों के बीच "वैध नागरिक गतिविधि" को लेकर संघर्ष के कुछ दिलचस्प उदाहरण हमारे सामने हैं, जिनसे हम नागरिकता की अपनी समझ का विश्लेषण कर सकते हैं और जिनसे हमें नागरिकता को समझने का एक अलग साधन मिलता है।
Item Type: | Article |
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Discipline: | Development Studies Law and Governanace Political Science |
Programme: | Works of Partner Organisations > Centre for the Study of Developing Societies > Pratimaan |
Creators(English): | Ankita Pandey |
Publisher: | CSDS, Delhi |
Journal or Publication Title(English): | Pratimaan |
URI: | http://anuvadasampada.azimpremjiuniversity.edu.in/id/eprint/3069 |
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Disclaimer
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ಅಜೀಂ ಪ್ರೇಮ್ಜಿ ವಿಶ್ವವಿದ್ಯಾಲಯದ ಅನುವಾದ ಉಪಕ್ರಮದ ವತಿಯಿಂದ ಇದನ್ನು ಇಂಗ್ಲೀಷ್ನಿಂದ ಕನ್ನಡಕ್ಕೆ ಅನುವಾದಿಸಲಾಗಿದೆ. ಈ ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಸಂಪನ್ಮೂಲವನ್ನು ವಾಣಿಜ್ಯೇತರ, ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಉದ್ದೇಶಗಳಿಗೆ ಬಳಸಬಹುದಾಗಿದೆ.