शान्ति और कारपोरेट मुक्ति का नया धर्मशास्त्र
रॉय, अरुन्धति (2004) शान्ति और कारपोरेट मुक्ति का नया धर्मशास्त्र मूल प्रश्न. pp. 6-14.
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Introduction
यह लेख प्रसिद्ध लेखिका द्वारा 'सिडनी शान्ति' पुरस्कार ग्रहण करने के दौरान दिए गए भाषण का अनुवाद है। यहाँ वे हथियार निर्माताओं एवं व्यापारियों द्वारा अपना बाज़ार बनाए रखने के लिए युद्ध और आतंक की राजनीति की चर्चा कर रही हैं। वे रेखांकित करती हैं कि कभी जंग के लिए हथियारों का निर्माण होता था, अब हथियारों के लिए जंग का निर्माण होता है। नव-उदारवाद और नव-उपनिवेशवाद ने मिलकर एक ऐसा साम्राज्यवाद विकसित किया है जिसके एक छोर पर जंग है और दूसरे छोर पर आतंकवाद। आतंकवाद का सफ़ाया करने के के लिए नए किस्म का आतंकवाद निर्माण किया जा रहा है। क्रूरता को मिटाने के लिए जंगे लड़ी जा रही हैं, ऐसे सारे सिस्टम को कटघरे में खड़ा करता यह भाषाण अत्यंत प्रासंगिक है।
Item Type: | Article |
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Discipline: | Social Sciences Political Science |
Programme: | Works of Partner Organisations > Moolprashna > Moolprashna |
Creators(English): | Arundhati Roy |
Publisher: | Mool Prashna |
Journal or Publication Title(English): | Mool Prashna |
URI: | http://anuvadasampada.azimpremjiuniversity.edu.in/id/eprint/3168 |
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Disclaimer
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ಅಜೀಂ ಪ್ರೇಮ್ಜಿ ವಿಶ್ವವಿದ್ಯಾಲಯದ ಅನುವಾದ ಉಪಕ್ರಮದ ವತಿಯಿಂದ ಇದನ್ನು ಇಂಗ್ಲೀಷ್ನಿಂದ ಕನ್ನಡಕ್ಕೆ ಅನುವಾದಿಸಲಾಗಿದೆ. ಈ ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಸಂಪನ್ಮೂಲವನ್ನು ವಾಣಿಜ್ಯೇತರ, ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಉದ್ದೇಶಗಳಿಗೆ ಬಳಸಬಹುದಾಗಿದೆ.