ये अन्याय हमें स्वीकार नहीं
अग्निवेश, स्वामी (2010) ये अन्याय हमें स्वीकार नहीं मूल प्रश्न. pp. 35-40.
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Introduction
यह जुलाई 2010 में लेखक द्वारा दिए गए वक्तव्य का लिप्यान्तरण है। विभिन्न उदाहरणों के ज़रिए वे बताते हैं कि जनता के प्रतिनिधि कहे जाने वाले लोग किस तरह लोकहित और मानवाधिकारों के ख़िलाफ़ काम करते हैं। सामाजिक कार्यकर्ताओं को झूठे मामलों में फँसाने से लेकर उनकी हत्या कराने की साजिश तक में ये सत्ताधारी लोग शामिल रहते हैं। वे यह भी बताते हैं कि माओवाद की समस्या को हल करने की बजाय सरकारें माओवादियों को मारने में अधिक दिलचस्पी रखती हैं। इसके लिए वे न केवल अनैतिक बल्कि गै़र-क़ानूनी तरीक़े भी अपनाती हैं।
Item Type: | Article |
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Discipline: | Law and Governanace Political Science |
Programme: | Works of Partner Organisations > Moolprashna > Moolprashna |
Creators(English): | Swami Agnivesh |
Publisher: | Mool Prashna |
Journal or Publication Title(English): | Mool Prashna |
URI: | http://anuvadasampada.azimpremjiuniversity.edu.in/id/eprint/3740 |
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Disclaimer
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अनुवाद पहल, अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय द्वारा अँग्रेज़ी से हिन्दी में अनूदित। इस अकादमिक संसाधन का उपयोग केवल ग़ैर-व्यावसायिक, अकादमिक एवं शैक्षिक उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है।
ಅಜೀಂ ಪ್ರೇಮ್ಜಿ ವಿಶ್ವವಿದ್ಯಾಲಯದ ಅನುವಾದ ಉಪಕ್ರಮದ ವತಿಯಿಂದ ಇದನ್ನು ಇಂಗ್ಲೀಷ್ನಿಂದ ಕನ್ನಡಕ್ಕೆ ಅನುವಾದಿಸಲಾಗಿದೆ. ಈ ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಸಂಪನ್ಮೂಲವನ್ನು ವಾಣಿಜ್ಯೇತರ, ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಉದ್ದೇಶಗಳಿಗೆ ಬಳಸಬಹುದಾಗಿದೆ.