पुरुष वर्चस्व का पहला सबक़
गालेआनो, एदुआर्दो (2013) पुरुष वर्चस्व का पहला सबक़ डिबेट ऑनलाइन (1).
Fulltext Document
पुरुष वर्चस्व का पहला सबक़.pdf Download (125kB) |
Introduction
यह लेख एदुआर्दो गालेआनो की स्पैनिश पुस्तक ‘उलटबासियाँ : उल्टी दुनिया की पाठशाला’ से लिया गया है। लेखक ने स्त्रीवादी नज़रिए से इतिहास, परम्पराएँ, धर्म, भाषा, भाषा का हिस्सा मुहावरे और रोज़मर्रा की साधारण-सी दिखने वाले वाक्य और व्यवहारों की समीक्षा की है। लेखक का मानना है कि इतिहास में औरतों को भोंदू, बददिमाग़, पिछड़ी, बेकार, अविश्वसनीय इत्यादि साबित करने के लिए कई चालें चली गईं और उसे ग़ुलाम बनाने के तमाम उपाय किए गए। डायन, वेश्यावृत्ति, भेदभाव आदि प्रथाओं से पार पाकर आधुनिक समाज निर्माण में स्त्रियों की भूमिकाओं के इतिहास को बताकर समाज को द्रुत गति से आगे बढ़ाने के कुछ उपाय भी लेखक ने दिए हैं।
Item Type: | Article |
---|---|
Discipline: | Social Sciences Development Studies |
Programme: | Works of Partner Organisations > Debate Online |
Creators(English): | Eduardo Galeano |
Journal or Publication Title(English): | Debate online |
Contributors: | Translator: पी. कुमार मंगलम |
URI: | http://anuvadasampada.azimpremjiuniversity.edu.in/id/eprint/3895 |
Edit Item |
Disclaimer
Translated from English to Hindi/Kannada by Translations Initiative, Azim Premji University. This academic resource is intended for non-commercial/academic/educational purposes only.
अनुवाद पहल, अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय द्वारा अँग्रेज़ी से हिन्दी में अनूदित। इस अकादमिक संसाधन का उपयोग केवल ग़ैर-व्यावसायिक, अकादमिक एवं शैक्षिक उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है।
ಅಜೀಂ ಪ್ರೇಮ್ಜಿ ವಿಶ್ವವಿದ್ಯಾಲಯದ ಅನುವಾದ ಉಪಕ್ರಮದ ವತಿಯಿಂದ ಇದನ್ನು ಇಂಗ್ಲೀಷ್ನಿಂದ ಕನ್ನಡಕ್ಕೆ ಅನುವಾದಿಸಲಾಗಿದೆ. ಈ ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಸಂಪನ್ಮೂಲವನ್ನು ವಾಣಿಜ್ಯೇತರ, ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಉದ್ದೇಶಗಳಿಗೆ ಬಳಸಬಹುದಾಗಿದೆ.