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कक्षा की पाठ वस्तु का पुस्तकालय से जुड़ाव

सिंह, अनिल (2023) कक्षा की पाठ वस्तु का पुस्तकालय से जुड़ाव पाठशाला भीतर और बाहर, 18. pp. 1-10. (In Press)

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कक्षा की पाठ वस्तु का पुस्तकालय से जुड़ाव.pdf

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Introduction

ज्ञान निर्माण का सारा दायित्व पाठ्य पुस्तकों पर ही डाल दिया जाता है। लेख कहता है कि पाठ्य पुस्तकों की अपनी सीमाएँ हैं और यह सीमाएँ होंगी भी। सभी कुछ पाठ्यपुस्तकों में शामिल नहीं किया जा सकता। इसीलिए पाठ्यपुस्तकों से इतर पुस्तकों का होना, बच्चों के साथ उन पर बातचीत करना और उनकी इन किताबों के प्रति दिलचस्पी बनाना ज़रूरी है। ये बच्चों को किसी अवधारणा के प्रति उनका नज़रिया विस्तृत करने में मददगार होती हैं। लेखक अपनी कक्षा के उदाहरण देते हुए बताते हैं कि पाठ्यपुस्तकों के साथ अन्य साहित्य का होना सीखने–सिखाने को कैसे समृद्ध करता है। वे आरम्भिक कक्षाओं की पाठ्यपुस्तकों में शामिल अवधारणाओं और उनसे सम्बन्धित कथेतर व कथा साहित्य की पुस्तकों के नाम भी सुझाते हैं।

Item Type: Article
Discipline: Education
Programme: University Publications > Pathshala Bheetar Aur Baahar
Creators(English): Anil Singh
Publisher: Azim Premji University
Journal or Publication Title(English): Paathshala Bheetar aur Bahar
URI: http://anuvadasampada.azimpremjiuniversity.edu.in/id/eprint/3982
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Disclaimer

Translated from English to Hindi/Kannada by Translations Initiative, Azim Premji University. This academic resource is intended for non-commercial/academic/educational purposes only.

अनुवाद पहल, अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय द्वारा अँग्रेज़ी से हिन्दी में अनूदित। इस अकादमिक संसाधन का उपयोग केवल ग़ैर-व्यावसायिक, अकादमिक एवं शैक्षिक उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है।

ಅಜೀಂ ಪ್ರೇಮ್‍ಜಿ ವಿಶ್ವವಿದ್ಯಾಲಯದ ಅನುವಾದ ಉಪಕ್ರಮದ ವತಿಯಿಂದ ಇದನ್ನು ಇಂಗ್ಲೀಷ್‍ನಿಂದ ಕನ್ನಡಕ್ಕೆ ಅನುವಾದಿಸಲಾಗಿದೆ. ಈ ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಸಂಪನ್ಮೂಲವನ್ನು ವಾಣಿಜ್ಯೇತರ, ಶೈಕ್ಷಣಿಕ ಉದ್ದೇಶಗಳಿಗೆ ಬಳಸಬಹುದಾಗಿದೆ.